झारखंड हाईकोर्ट ने बिजली विभाग को त्योहारों के दौरान बिजली न काटने को कहा, जुलूस में शामिल होने वालों को ओवरहेड टेंशन लाइनों से बचाने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया

स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (संक्षेप में JBVNL) को त्योहारों के मौसम में पड़ोस की बिजली आपूर्ति न काटने का निर्देश दिया।
सीजे एम.एस. रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने 1 अप्रैल को रांची में सरहुल उत्सव के दौरान बिजली कटौती की शिकायत करने वाली याचिका पर ये निर्देश पारित किए।
इस बात पर कोई विवाद नहीं हो सकता कि आज की दुनिया में बिजली आपूर्ति एक आवश्यक सेवा है। गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है ऐसे में JBVNL द्वारा बिजली आपूर्ति बंद करने से शहर के निवासियों खासकर बुजुर्गों, बीमार लोगों, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के जीवन पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। साथ ही, व्यवसायों को भी बंद करने की जरूरत है जिससे व्यवसाय चलाने वाले लोगों को राजस्व का नुकसान होगा।
न्यायालय ने कहा कि इससे निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज पर भी असर पड़ेगा।
एडवोकेट जनरल ने कहा कि सरहुल जैसे त्यौहारों पर जुलूस में ध्वज-स्तंभ लेकर चलने वाले लोगों को चोट से बचाने के लिए बिजली आपूर्ति बंद करने का चरम उपाय आवश्यक है, क्योंकि सरहुल त्यौहार के दौरान ऐसे खंभों के बिजली के तारों के संपर्क में आने का खतरा होता है और अतीत में (वर्ष 2000 में) ऐसी ही एक घटना में 29 लोगों की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा कि 6.4.2025 को आने वाले श राम नवमी त्यौहार और 6.7.2025 को मोहर्रम त्यौहार के लिए भी उपरोक्त कारणों से बिजली बंद करने की आवश्यकता है।
न्यायालय ने सवाल किया कि क्या इस तरह के चरम उपाय आवश्यक हैं।
कोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि सड़क पर या ट्रेन से या एयरलाइन में यात्रा करते समय दुर्घटनाएँ हो सकती हैं, लोगों को सड़क, ट्रेन या एयरलाइन का उपयोग करने से नहीं रोका जा सकता। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जाने चाहिए कि ऐसी दुर्घटनाएँ न हों
न्यायालय ने कहा कि राज्य प्राधिकारियों, जो त्यौहारों या अन्य अवसरों पर ऐसे जुलूसों की अनुमति देते हैं, को ऐसे खंभों/झंडों की उचित ऊंचाई/लंबाई तय करनी चाहिए, जिससे वे JBVNL द्वारा बिछाए गए बिजली के तारों के संपर्क में न आएं।
इसने निर्देश दिया कि ऐसे जुलूसों के आयोजकों को सूचित किया जाना चाहिए कि अनुमत ऊंचाई से अधिक लंबे खंभों/झंडों को ले जाने की अनुमति नहीं होगी और राज्य को अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से इस मानदंड को लागू करने की आवश्यकता है।
आगे के आदेशों तक इसने प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे जुलूस में ले जाए जा सकने वाले खंभों/झंडों की ऊंचाई/लंबाई तुरंत तय करें और जुलूसों के सभी आयोजकों को तुरंत सूचित करें और सुनिश्चित करें कि ऐसे सभी आयोजक इस मानदंड का अनुपालन करें।
JBVNL को यह भी निर्देश दिया गया कि वह भविष्य में 01.04.2025 को जिस तरह से बिजली आपूर्ति बंद की गई, उस तरह से बंद न करे, जब तक कि किसी गंभीर आपात स्थिति के कारण ऐसा उपाय आवश्यक न हो।
मामले को आगे की सुनवाई के लिए 9 अप्रैल को सूचीबद्ध किया गया।