हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्राकृतिक जलमार्ग पर अवैध सड़क निर्माण का आरोप लगाने वाली याचिका पर जवाब मांगा
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्राकृतिक जलमार्ग पर अवैध सड़क निर्माण का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर राज्य के अधिकारियों से जवाब मांगा।
जस्टिस ज्योत्सना रेवाल दुआ ने कांगड़ा के उपायुक्त सहित हिमाचल प्रदेश राज्य के अधिकारियों को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर के लिए निर्धारित की।
कांगड़ा जिले के जालेरा गाँव के निवासी रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल संदेश कुमार ने "गैर मुमकिन खड्ड" के जीर्णोद्धार की मांग करते हुए रिट याचिका दायर की- यह एक प्राकृतिक जलमार्ग है जो पौंग बांध (महाराणा प्रताप सागर) को पानी देता है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार द्वारा नामित "गैर मुमकिन खड्ड" पर एक अवैध और अनधिकृत सड़क का निर्माण किया गया, जिसके कारण पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करते हुए दशकों पुराने पूर्ण विकसित पेड़ों को अंधाधुंध तरीके से काटा गया। इसमें आगे कहा गया कि इस अवैध गतिविधि के परिणामस्वरूप स्थानीय वनस्पति और जीव-जंतु नष्ट हो गए।
राजस्व अभिलेखों के अनुसार, यह भूमि प्रतिवादी बृजेन्द्र सिंह के नाम पर दर्ज है और अपनी स्थलाकृति और पारिस्थितिक महत्व के कारण किसी भी निर्माण या विकास के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि मौसमी पानी इसी चैनल से होकर बहता है और अंततः पौंग बांध (महाराणा प्रताप सागर) जलाशय में प्रवेश करता है।
याचिका में फरवरी, 2025 से अधिकारियों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद संरक्षित भूमि पर अवैध अतिक्रमण और पर्यावरणीय उल्लंघनों का भी आरोप लगाया गया। इसमें खड्ड को उसकी मूल पारिस्थितिक स्थिति में बहाल करने, इसे गाँव की साझा भूमि घोषित करने और वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 और हिमाचल प्रदेश भूमि संरक्षण अधिनियम, 1978 सहित पर्यावरण और वन कानूनों का प्रवर्तन सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई।
लेफ्टिनेंट कर्नल कुमार ने आधिकारिक निष्क्रियता की जांच करने, जवाबदेही तय करने और उल्लंघनकर्ताओं से बहाली की लागत वसूलने के लिए अदालत की निगरानी में एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का भी अनुरोध किया।
Title: Lt. Col. Sandesh Kumar Vs. State & Ors.