हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने COVID-19 प्रभाव के कारण अतिरिक्त UPSC प्रयास की याचिका खारिज की
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त प्रयास की मांग करने वाली रिट याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता का अंतिम प्रयास COVID-19 महामारी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ था।
जस्टिस अजय मोहन गोयल ने कहा:
"यह कोई बहाना नहीं है कि चूंकि वह COVID-19 महामारी के कारण कुशलता से तैयारी नहीं कर सका, इसलिए उसे एक और मौका मिलना चाहिए।"
मामले की पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता ने सिविल सेवा परीक्षा 2020 में अपना अंतिम प्रयास दिया था, उसने COVID-19 महामारी और राष्ट्रीय लॉकडाउन के कारण उत्पन्न कठिनाइयों का हवाला देते हुए अतिरिक्त अवसर की मांग की थी। उन्होंने प्रस्तुत किया कि वह 2013 से परीक्षा की तैयारी कर रहा था और 2020 तक लगातार हर साल इसके लिए उपस्थित हुआ था। उन्होंने आगे तर्क दिया कि 2020 परीक्षा पास करने का उनका अंतिम अवसर था, क्योंकि यह उनका अंतिम प्रयास था। हालांकि, महामारी के कारण वह परीक्षा की ठीक से तैयारी नहीं कर पाए।
निष्कर्ष:
अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता 2013 से 2020 तक अपने सभी प्रयासों में असफल रहा था, उसने बिना किसी वैध कारण के परीक्षा में बैठने के लिए एक और मौका देने के लिए अदालत से निर्देश मांगा था।
इसने स्वीकार किया कि कुछ परिस्थितियां, जैसे व्यक्तिगत बीमारी या प्रशासनिक विफलताएं, छूटे हुए या प्रभावित प्रयासों को उचित ठहरा सकती हैं। हालांकि, महामारी के कारण तैयारी में कठिनाई न्यायिक हस्तक्षेप के लिए वैध आधार नहीं बन सकती।
इसने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता परीक्षा देने वाला अकेला व्यक्ति नहीं है, ऐसे अन्य उम्मीदवार भी है, जो महामारी के दौरान परीक्षा में शामिल हुए और सफल हुए। इसलिए अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता एक और मौका पाने का हकदार नहीं है।
केस टाइटल: राजा राम साहू बनाम भारत संघ और अन्य।