करोड़ों रुपये का 'जेल ड्रग रैकेट' | 'जेल से की गईं 43 हजार कॉल': हाईकोर्ट ने CBI और ED जांच का आदेश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फिरोजपुर सेंट्रल से संचालित कथित करोड़ों रुपये के ड्रग रैकेट में जेल अधिकारियों की भूमिका की जांच नहीं करने में निष्क्रियता के लिए राज्य विशेष ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) के अधिकारियों और जांच अधिकारी (आईओ) को कड़ी फटकार लगाई।
जस्टिस एन.एस. शेखावत ने एसएसओसी प्रमुख, विशेष पुलिस डायरेक्टर जनरल, आईपीएस आर.एन ढोके से सवाल करते हुए पूछा,
"क्या इससे अधिक गंभीर कोई अपराध हो सकता है, इस अदालत के पास यह विश्वास करने का कारण है कि करोड़ों रुपये का ड्रग रैकेट जेल से चल रहा है... मैं इस मामले को भेजूंगा। सीबीआई और ईडी जांच करेंगी... आप इसमें एक पक्ष हैं। जेल से (4 साल में) 43,000 कॉल किए जा रहे हैं, एक भी जेल अधिकारी एफआईआर में शामिल नहीं है।''
एसएसओसी के लापरवाह रवैये पर चिंता जताते हुए पीठ ने यह भी कहा कि विशेष प्रकोष्ठों द्वारा आयोजित बैठकें, जिनमें एआईजी शामिल होते हैं, केवल "चाय और समोसे" तक ही सीमित हैं।
कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे आईओ से आगे सवाल किया,
"क्या आपने जांच की है कि आरोपियों ने जेल से किसे ये कॉल किए? ये कौन लोग हैं जिन्हें कॉल किए गए? क्या ये आरोपी हैं?"
जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि "कुछ" पर आरोप लगाया गया।
जस्टिस शेखावत ने कहा,
"उत्तर विशिष्ट होना चाहिए, सामान्य नहीं। आपको पंचायत द्वारा नहीं बल्कि हाईकोर्ट द्वारा बुलाया जाता है।"
आईओ के ढुलमुल रवैये पर प्रकाश डालते हुए कोर्ट ने कहा कि "वह कार्यवाही से भाग गया।"
अदालत ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा,
मुझे बताया गया कि नशीली दवाओं के व्यापार की 800 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई और केवल 1 जेल अधिकारी को बर्खास्त किया गया। आप जैमर खरीद रहे हैं और सरकार का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। किसी भी मामले में जेल अधिकारियों की सक्रिय मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं हो सकता।''
मामले की पृष्ठभूमि
पंजाब की सेंट्रल जेल फिरोजपुर के तीन कैदियों के खिलाफ गुप्त सूचना के आधार पर NDPS Act के तहत एफआईआर दर्ज की गई। बताया गया कि NDPS Act के तहत दर्ज विभिन्न मामलों में जेल में बंद राज कुमार, सोनू टिड्डी और अमरीक सिंह ने जेल के अंदर एक गिरोह बना लिया और जेल परिसर से ड्रग रैकेट चला रहे हैं।
पता चला कि ड्रग रैकेट चलाने में जेल अधिकारियों की मिलीभगत है। इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि यदि तीनों आरोपी जांच में शामिल हो गए और उनसे पूछताछ की गई तो जेल परिसर में चल रहे बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ हो सकता है और इस रैकेट में जेल अधिकारियों की संलिप्तता का भी खुलासा हो सकता है।
पिछली कार्यवाही में यह देखते हुए कि "जाहिरा तौर पर आईओ द्वारा दोषी जेल अधिकारियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया गया", हाईकोर्ट ने पंजाब के विशेष महानिदेशक, आंतरिक सुरक्षा को तलब किया।
केस टाइटल: गीतांजलि बनाम पंजाब राज्य