दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालत के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वादी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना का मामला शुरू किया

Update: 2024-01-19 12:52 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने हाल ही में कार्यवाही में शामिल होकर और अदालत की गरिमा को कम करने वाली अपमानजनक टिप्पणी करके "अदालत का दुरुपयोग" करने के लिए वादी के खिलाफ स्वत: संज्ञान अवमानना ​​मामला शुरू किया।

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने इसे "स्पष्ट रूप से अवमाननापूर्ण" बताते हुए वर्तमान में सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में रह रही अनीता कुमारी गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि क्यों न उन्हें अदालत की अवमानना ​​अधिनियम, 1971 (Contempt Of Court 1971) के तहत दंडित किया जाए।

अदालत ने FRRO को यह भी निर्देश दिया कि यदि गुप्ता सुनवाई की अगली तारीख 16 अप्रैल से पहले भारत आती हैं तो उनको अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गयाय़ साथ ही कोर्ट ने कहा कि उनके आगमन पर उनका पासपोर्ट या वीज़ा जब्त कर लिया जाए।

जस्टिस कृष्णा ने आगे आदेश दिया कि अगर गुप्ता यहां आती हैं तो उन्हें अदालत के निर्देश के बिना देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

तारीख दिए जाने और एक अन्य मुद्दा उठाए जाने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुई गुप्ता ने "न्यायालय का दुरुपयोग करते हुए" कहा,

"इस न्यायालय में क्या चल रहा है।"

"न्यायालय को बदनाम करने के लिए वादी अनीता कुमारी गुप्ता द्वारा की गई ऐसी उपरोक्त अपमानजनक टिप्पणियां स्पष्ट रूप से अवमाननापूर्ण हैं और न्यायालय की गरिमा की पूर्ण अवहेलना दर्शाती हैं। इस तथ्य के बावजूद कि संबंधित पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील उपस्थित थे और दी गई तारीख 16-04-2024 को अंतिम बहस के लिए सहमत हुए।

इसमें कहा गया,

"न्यायालय की गरिमा को कम करने वाली ऐसी अपमानजनक टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए स्वतः संज्ञान अवमानना ​​​​का कदम उठाया गया।"

केस टाइटल: अनीता कुमारी गुप्ता बनाम वेद भूषण और अन्य

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