दिल्ली हाइकोर्ट ने IT डिपार्टमेंट के ऑक्सफैम इंडिया, केयर इंडिया की कर छूट स्थिति रद्द करने के आदेश पर रोक लगाई

Update: 2024-01-22 08:18 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने आयकर विभाग द्वारा दो गैर-सरकारी संगठनों, ऑक्सफैम इंडिया और केयर इंडिया की कर छूट स्थिति रद्द करने के आदेश पर रोक लगाई।

जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस पुरुषइंद्र कुमार कौरव की खंडपीठ ने अग्रणी सार्वजनिक नीति थिंक टैंक, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के पक्ष में पिछले साल 25 अगस्त को पारित अंतरिम आदेश के समान आदेश पारित किया और कहा कि दोनों गैर सरकारी संगठन भी समान अंतरिम राहतें के हकदार होंगे।

खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि अंतरिम निर्देशों के अनुसार ऑक्सफैम इंडिया और केयर इंडिया द्वारा स्वीकार किया जाने वाला दान केवल घरेलू योगदान तक ही सीमित रहेगा।

अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख 27 फरवरी तक जारी रहेगा।

25 अगस्त, 2023 को समन्वय पीठ ने CPR की कर छूट स्थिति रद्द करने वाले आयकर विभाग के आदेश पर रोक लगा दी थी। वह भी यह देखते हुए कि रद्द करने के गंभीर परिणाम होंगे, क्योंकि NGO घरेलू दानदाताओं से कोई योगदान स्वीकार नहीं कर पाएगा।

खंडपीठ IT विभाग द्वारा उनकी कर छूट स्थिति रद्द करने को चुनौती देने वाले तीन गैर सरकारी संगठनों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

तीन एनजीओ की ओर से पेश सीनियर वकील अरविंद पी. दातार ने अदालत को सूचित किया कि एनजीओ के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका 05 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

IT विभाग की ओर से पेश वकील ने रिट याचिकाओं की सुनवाई योग्यता पर आपत्ति जताई और तर्क दिया कि विवादित आदेश आयकर अधिनियम 1961 (Income Tax Act 1961) की धारा 253 (C) के संदर्भ में अपील योग्य है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा अपील पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

खंडपीठ ने कहा कि यह मामला क्षेत्राधिकार संबंधी पर्याप्त सवाल उठाता है और अंतरिम आदेशों के संबंध में समान और सुसंगत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

अदालत ने कहा,

“इसी तरह की चुनौती पर इस न्यायालय की समन्वित पीठ द्वारा विधिवत विचार किया गया है और अंतरिम संरक्षण प्रदान किया गया। अदालत यह भी ध्यान में रखती है कि डब्ल्यू.पी.(सी) 11270/2023 में दलीलें पहले ही पूरी हो चुकी हैं। इस प्रकार इस मुद्दे पर अंततः एक छोटी तारीख में फैसला किया जा सकता है।”

आगे कहा गया,

“नतीजतन हम यह मानते हैं कि याचिकाकर्ता डब्ल्यू.पी. (सी) 11270/2023 में पारित 25 अगस्त 2023 के पूर्वोक्त आदेश के पैराग्राफ 17-19 में दिए गए शब्दों के समान अंतरिम राहत के हकदार होंगे, जो स्पष्टीकरण के अधीन है। उपर्युक्त अंतरिम निर्देशों के अनुसार याचिकाकर्ताओं द्वारा स्वीकार किया जाने वाला दान केवल घरेलू योगदान तक ही सीमित रहेगा।

याचिकाकर्ताओं के वकील- अरविंद पी. दातार, सचित जॉली, ऋषभ मल्होत्रा, दिशा झाम, सौम्या सिंह और श्री देवांश जैन।

उत्तरदाताओं के लिए वकील- हुसैन, विपुल अग्रवाल, संजीव मेनन।

केस टाइटल- ऑक्सफैम इंडिया बनाम प्रधान आयकर आयुक्त, (केंद्रीय), दिल्ली-2 और अन्य ।

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