गुजरात हाइकोर्ट ने '2008' अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले के दोषी को मौत की सजा की पुष्टि की सुनवाई के लिए वकील नियुक्त करने का निर्देश दिया

Update: 2024-01-19 09:56 GMT

गुजरात हाइकोर्ट ने साबरमती केंद्रीय जेल के अधिकारियों को 2008 के अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले के 38 दोषियों में से एक को मौत की सजा की पुष्टि के लिए वकील शामिल करने का निर्देश जारी किया।

अदालत ने कहा कि यदि दोषी वकील नियुक्त करने में सक्षम नहीं है तो कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से उसकी ओर से वकील नियुक्त करने का आदेश पारित किया जा सकता है।

जस्टिस एवाई कोगजे और जस्टिस समीर जे. दवे की खंडपीठ ने यह आदेश तब पारित किया, जब उन्हें बताया गया कि मौत की सजा पाए 38 दोषियों में से केवल एक ने अभी तक मौत की सजा की सुनवाई की कार्यवाही के लिए कानूनी प्रतिनिधित्व हासिल नहीं किया।

गौरतलब है कि मार्च, 2022 में हाईकोर्ट ने उन 38 दोषियों को नोटिस जारी किया था, जिन्हें 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में एक विशेष अदालत ने फरवरी 2022 में मौत की सजा सुनाई थी।

CrPc की धारा 366 के बाद उनकी मौत की सजा की पुष्टि के लिए राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किए गए, जिसमें कहा गया कि जब सत्र न्यायालय मौत की सजा सुनाता है तो कार्यवाही हाइकोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी और जब तक हाइकोर्ट द्वारा इसकी पुष्टि नहीं हो जाती तब तक इसे निष्पादित नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में 18 फरवरी को विशेष नामित न्यायाधीश द्वारा कुल 38 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई, जिसमें 56 लोग मारे गए।

स्पेशल डिजिग्नेटेड जज ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 34 और 109 सपठित धारा 302 और गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम 1967 (UAPA) की धारा 10, 16 (1) (ए) (बी) के तहत दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी।

26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद में राज्य सरकार द्वारा संचालित सिविल अस्पताल, अहमदाबाद नगर निगम द्वारा संचालित एलजी अस्पताल, बसों, खड़ी साइकिलों, कारों और अन्य स्थानों पर बम विस्फोट हुए थे, जिनमें 56 लोग मारे गए थे।

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