किसानों का विरोध | पंजाब सरकार ने मामले की जांच से हाथ खींचने का प्रयास किया: प्रदर्शनकारी की मौत पर हाईकोर्ट ने कहा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 21 फरवरी को किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन के दरमियान पंजाब-हरियाणा (खनौरी) सीमा पर मारे गए प्रदर्शनकारी किसान शुभकरण सिंह की मौत की जांच में निष्क्रियता के लिए पंजाब सरकार की खिंचाई की।
यह देखते हुए कि पंजाब पुलिस ने पुलिस स्टेशन गढ़ी (हरियाणा) के अधिकार क्षेत्र में हुई घटना को दर्ज करके जीरो एफआईआर दर्ज की, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी ने कहा, "इस प्रकार, राज्य द्वारा एक प्रयास किया गया है कि पंजाब इस मामले की जांच से अपने हाथ खींच ले।"
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पंजाब के वकील से यह भी सवाल किया कि किस आधार पर पंजाब पुलिस ने "जीरो एफआईआर" दर्ज की थी। सिंह के पिता की शिकायत पर दर्ज एफआईआर पर गौर करते हुए कोर्ट ने कहा कि मौत 21.02.2024 को हुई थी और एफआईआर 28.02.2024 को दर्ज की गई थी।
कोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एफआईआर पंजाब पुलिस द्वारा केवल इसलिए दर्ज की गई थी क्योंकि अगले दिन वर्तमान मामला हाईकोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध था।
कोर्ट ने कहा, "यह रिकॉर्ड की बात है कि मामला इस न्यायालय के समक्ष लंबित था, जिसे 20.02.2024 को 29.02.2024 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था... मामले की सुनवाई से एक दिन पहले 22:45 बजे एफआईआर दर्ज करना यह दर्शाता है कि पंजाब राज्य इस मामले में ढिलाई बरत रहा है...और केवल तभी दर्ज किया गया जब उसे पता चला कि मामला अगले दिन आ रहा है।''
किसान ने अन्य चीजों के अलावा एमएसपी की गारंटी वाले कानून की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अदालत सरकार की कथित अवरोधक कार्रवाइयों को चुनौती देने वाली याचिका और एक प्रदर्शनकारी की मौत पर न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिकाओं के साथ-साथ अन्य संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।