गुजरात हाईकोर्ट ने पूर्व ISRO अधिकारी की दूसरी जमानत याचिका खारिज की, पाकिस्तानी महिला को अंतरिक्ष केंद्र की तस्वीरें भेजने का है आरोप

Update: 2024-06-13 05:41 GMT

गुजरात हाईकोर्ट ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व तकनीकी अधिकारी कल्पेश तुरी को जमानत देने से इनकार किया। तुरी पर संगठन के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र से संबंधित तस्वीरें पाकिस्तानी महिला को भेजने के आरोप में साइबर आतंकवाद का आरोप है।

जस्टिस एमआर मेंगडे ने तुरी की जमानत दूसरी बार खारिज करते हुए कहा कि अपराध की सुनवाई शुरू हो चुकी है और अभियोजन पक्ष द्वारा कई गवाहों की जांच पहले ही की जा चुकी है।

कोर्ट ने कहा,

"इसलिए पिछली जमानत याचिका दायर करने के बाद परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं दिखता।"

कोर्ट ने आगे कहा,

"यदि संपूर्ण संचार का अध्ययन किया जाए तो यह इंगित करता है कि वर्तमान आवेदक द्वारा पाकिस्तान में तैनात महिला को भेजी गई फाइलें/चित्र अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, ISRO, अहमदाबाद से संबंधित हैं और ये चित्र आवेदक द्वारा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के अधिकारियों से किसी प्राधिकरण के बिना लिए गए, न ही उन्होंने इस संबंध में कोई अनुमति मांगी थी।"

तुरी की ओर से बहस करते हुए सीनियर एडवोकेट शालीन मेहता ने प्रस्तुत किया कि तुरी द्वारा शेयर की गई फाइलों में दी गई जानकारी गुप्त, गोपनीय या संवेदनशील प्रकृति की नहीं थी, न ही यह देश की सुरक्षा या बौद्धिक संपदा से संबंधित थी।

मेहता ने आगे कहा कि तुरी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि विचाराधीन महिला भारत में नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि तुरी ने केवल कार्यस्थल की सेल्फी भेजी थी। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने इन दावों का विरोध करते हुए कहा कि तस्वीरों में अहमदाबाद में इसरो सैक परिसर को दर्शाया गया।

उल्लेखनीय है कि तुरी को जनवरी में अहमदाबाद में गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उस समय वह अहमदाबाद में इसरो की एसएसी इकाई में एंटीना मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे, जहां वे 2012 से कार्यरत थे।

7 जनवरी को ATS ने तुरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें उन पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 एफ (1) (बी) के तहत साइबर आतंकवाद का आरोप लगाया गया।

केस टाइटल: कल्पेशकुमार बाबूभाई तुरी बनाम गुजरात राज्य

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