Waqf Board Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP MLA अमानतुल्ला खान की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई, जो उनके अध्यक्ष पद के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले से जुड़ा है।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने ED से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को तय की।
खान को ED ने 02 सितंबर को उनके आवास पर केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा की गई तलाशी के बाद गिरफ्तार किया। उन्हें 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
खान को 11 मार्च को समन्वय पीठ ने अग्रिम जमानत देने से इनकार किया था। बाद में 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार किया।
खान की ओर से सीनियर एडवोकेट विक्रम चौधरी पेश हुए। ED की ओर से विशेष वकील जोहेब हुसैन पेश हुए।
हुसैन ने दमन के आधार पर खान की याचिका की स्थिरता पर प्रारंभिक आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि खान की अग्रिम जमानत को एक समन्वय पीठ द्वारा उसी सामग्री (गिरफ्तारी के आधार) पर खारिज करने के संबंध में याचिका में दमन था। हुसैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यदि रिट क्षेत्राधिकार में दमन है तो योग्यता पर चर्चा किए बिना भी किसी पक्ष को "बाहर निकाला" जा सकता है।
उन्होंने कहा,
"वही याचिकाकर्ता, धारा 45 [PMLA] पर वही सामग्री, अग्रिम जमानत खारिज [समन्वय पीठ द्वारा]। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी एसएलपी पर विचार नहीं किया। खुलासे की तरह देखें। वह इस अदालत के फैसले को पेश नहीं करता। उसी सामग्री पर विचार किया गया और इस अदालत ने माना कि आप धारा 45 के दोहरे परीक्षण को संतुष्ट नहीं करते हैं।"
प्रारंभिक आपत्ति का खंडन करते हुए चौधरी ने कहा कि ED को "अजेयता का एक प्रकार का आभास है" और वह अदालत में जाएगा और "कुछ दर्शकों को पाने" की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि खान की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध है। साथ ही उन्होंने कहा कि याचिका में पूरी जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा,
"दमन उनकी समझ में है। मैंने क्या छिपाया? मैंने कहा कि मैंने निचली अदालतों का दरवाजा खटखटाया है।"
याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को तय की। ED की प्रारंभिक आपत्तियां खुली रहेंगी।
अपनी याचिका में खान ने तर्क दिया कि ED द्वारा उनकी गिरफ्तारी उनके मौलिक अधिकारों पर अभूतपूर्व हमला है। उन्होंने कहा है कि उनकी हिरासत "प्रतिशोध की बू आती है" और "उन्हें परेशान करने के लिए अप्रत्यक्ष राजनीतिक इरादों" से प्रेरित है।
मामले में आरोप लगाया गया कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए मानदंडों और सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए विभिन्न लोगों की अवैध रूप से भर्ती की।
ED ने आरोप लगाया कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से नकदी में अपराध की बड़ी आय अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए इसका निवेश किया।
अमानतुल्लाह खान के तीन कथित सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी को पिछले साल नवंबर में केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।
केस टाइटल: अमानतुल्लाह खान बनाम ईडी