दिल्ली हाईकोर्ट ने फर्जी शेयर बाजार निवेश में ठगी से जुड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में ED को पक्षकार बनाया

Update: 2024-12-05 08:27 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पक्षकार बनाया, जिसमें जालसाजों ने शेयर बाजार में निवेश के बहाने लोगों से कथित तौर पर करोड़ों रुपये ठगे हैं।

याचिका में शुरू में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) को पक्षकार बनाया गया, जिसमें संगठित साइबर धोखाधड़ी को संबोधित करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की गई।

जस्टिस जसमीत सिंह ने ED को पक्षकार बनाने की अनुमति दी और उसे नोटिस जारी किया।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि जालसाजों ने व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर बाजार के विशेषज्ञ बनकर लोगों को अपनी धोखाधड़ी वाली योजनाओं में निवेश करने के लिए राजी किया।

याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि इन निधियों को विभिन्न राष्ट्रीयकृत और अनुसूचित बैंकों के खातों में स्थानांतरित किया गया, जो कथित तौर पर अपने ग्राहक को जानें (KYC) मानदंडों का पालन करने में विफल रहे, जिससे जालसाजों को अपेक्षाकृत आसानी से घोटाला करने का मौका मिला।

याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि स्थानीय पुलिस धोखाधड़ी के स्रोतों और विदेशों में मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों से इसके संबंध का पता लगाने में अप्रभावी होगी।

इस प्रकार, याचिका में भारत संघ को जांच को एक केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई।

इसमें SEBI को प्रमुख समाचार पत्रों और फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूरे पेज के विज्ञापन देकर नागरिकों को इस घोटाले के बारे में सचेत करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

याचिका में RBI से यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई कि सभी बैंक केवाईसी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें। इसके अलावा, घोटाले में शामिल दोषी बैंकों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए भी कहा गया।

केस टाइटल: कुमारी लक्ष्मी और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य

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