दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना किसी प्रतिबंध के रक्तदान के लिए 24 घंटे सेवा प्रदान करने की जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना किसी प्रतिबंध के रक्तदान (Blood Donation) के लिए 24 घंटे सेवा प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया।
चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से केंद्र से जवाब मांगा।
इस मामले की सुनवाई 09 जुलाई को होगी।
यह याचिका वकील विशाल अरुण मिश्रा ने दायर की, जिन्होंने तर्क दिया कि स्वैच्छिक रक्तदाताओं को रक्त बैंक के सीमित संचालन समय, यानी शाम 4 या 5 बजे तक रक्तदान करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
याचिका में कहा गया,
“उदाहरण के लिए, याचिकाकर्ता खुद एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड है और उसे शाम 05:00 से 05:30 बजे तक अदालतों में मौजूद रहना होता है, इसलिए जब भी याचिकाकर्ता को काम के घंटों के दौरान कोई कॉल आती है तो उसे अपने पेशेवर दायित्वों के कारण उसे मना करना पड़ता है।”
इसमें कहा गया कि रक्तदान नेक काम है, लेकिन कई स्वयंसेवी दाता या रक्तदान के लिए काम करने वाले एनजीओ अस्पतालों के सीमित घंटों के कारण मरीज को सेवा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं।
याचिका में कहा गया,
“ब्लड बैंक 24 घंटे चालू रहने के बावजूद, रक्तदान सुविधा केवल सीमित घंटों के लिए ही संचालित होती है, जिससे रक्तदाताओं को परेशानी होती है। रोगी की देखभाल खतरे में पड़ जाती है। यह समस्या निजी अस्पतालों तक फैली हुई है, जिन्होंने इसी तरह के प्रतिबंधात्मक समय को अपनाया, जिससे समस्या और बढ़ गई।”
इसमें आगे कहा गया कि केंद्र सरकार को स्वैच्छिक रक्तदाताओं की भावना को प्रोत्साहित करने और प्राथमिकता के आधार पर अस्पतालों को चलाने में उनकी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पहल करनी चाहिए।
यह याचिका अधिवक्ता यू.एम. त्रिपाठी, रूपाली पंवार और शुभम गुप्ता के माध्यम से दायर की गई।
केस टाइटल: विशाल अरुण मिश्रा बनाम भारत संघ