Delhi Riots: हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास के आरोपों के खिलाफ खालिद सैफी की याचिका खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक खालिद सैफी की याचिका खारिज की। उक्त याचिका में 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में उनके खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप तय किए जाने को चुनौती दी गई थी।
जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा,
"याचिका खारिज की जाती है।"
दिल्ली पुलिस ने जगत पुरी थाने में एफआईआर 44/2020 दर्ज की थी।
इस साल की शुरुआत में ट्रायल कोर्ट ने सैफी, पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां और 11 अन्य के खिलाफ दंगा, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने और हत्या के प्रयास के आरोप तय किए।
हालांकि, उन्हें भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 34, 120बी और 109 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 27 के तहत अपराधों के लिए बरी कर दिया गया।
सीनियर एडवोकेट रेबेका एम. जॉन और एडवोकेट अनुष्का बी सैफी की ओर से पेश हुए। दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व एपीपी संजीव सभरवाल ने किया। अभियोजन पक्ष का कहना था कि दंगों के दौरान शहर के खुरेजी इलाके में फ्लैग मार्च किया गया और आरोपियों की भीड़ ने दिल्ली पुलिस के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया।
आरोप है कि इशरत जहां, खालिद सैफी और बीट स्टाफ द्वारा पहचाने गए अन्य आरोपियों ने भीड़ को इलाके से बाहर न निकलने और पुलिस बल पर पत्थर फेंकने के लिए उकसाया। एफआईआर के अनुसार, पुलिस पर फायरिंग की गई, प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की और घटना में कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल घायल हो गए।
ट्रायल कोर्ट ने 13 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 186, 332, 353, 307 के साथ धारा 149 के तहत आरोप तय किए।
केस टाइटल: अब्दुल खालिद सैफी बनाम राज्य