दिल्ली हाईकोर्ट ने टीम इंडिया के आगामी क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग पर लगाई रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कई अवैध मोबाइल ऐप्स और वेबसाइटों को भारत के आगामी दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग रोकने का आदेश दिया, जिससे जियोस्टार इंडिया के विशेष प्रसारण अधिकारों की रक्षा होगी। यह आदेश 3 मार्च, 2026 तक लागू रहेगा।
जस्टिस तेजस करिया की सिंगल बेंच ने 11 नवंबर, 2025 को यह आदेश पारित किया, जब जियोस्टार ने इन क्रिकेट आयोजनों पर अपने विशेष प्रसारण अधिकारों की सुरक्षा के लिए तत्काल याचिका दायर की थी। इन दौरों में कुल मिलाकर 18 मैच शामिल हैं।
जियोस्टार जियोहॉटस्टार ओटीटी प्लेटफॉर्म और 100 से अधिक टेलीविजन चैनलों का संचालन करता है। उसने कहा कि उसके पास BCCI द्वारा आयोजित कई क्रिकेट आयोजनों के मीडिया अधिकार हैं। इसने 2023 से 2028 तक दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड दौरों के लिए विशेष वैश्विक डिजिटल और टेलीविजन अधिकारों के लिए BCCI के साथ मीडिया अधिकार समझौता किया।
कंपनी ने अदालत को सूचित किया कि क्रिकफाई टीवी जैसे ऐप्स बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से उसकी सामग्री को मुफ्त या न्यूनतम सदस्यता शुल्क पर स्ट्रीम कर रहे थे। जियोस्टार ने तर्क दिया कि इन धोखेबाज ऐप्स ने हाल ही में वेस्टइंडीज के भारत दौरे 2025 को भी स्ट्रीम किया, जिससे उसके विशेष प्रसारण अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
साक्ष्यों की समीक्षा के बाद अदालत ने माना कि जियोस्टार ने अंतरिम संरक्षण के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनाया। अदालत ने कहा कि कंपनी ने विशेष अधिकार हासिल करने में भारी निवेश किया और अनधिकृत स्ट्रीमिंग से उसके राजस्व को नुकसान होगा और कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत उसके अधिकारों का उल्लंघन होगा।
अदालत ने यूनिवर्सल सिटी स्टूडियोज़ एलएलसी बनाम डॉटमूवीज़.बेबी मामले में अपने पहले के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें कॉपीराइट कार्यों, जिनमें भविष्य के प्रसारण भी शामिल हैं, उसको अवैध प्लेटफार्मों पर साझा किए जाने से बचाने के लिए 'डायनामिक+ निषेधाज्ञा' को मान्यता दी गई।
अगली सुनवाई तक अदालत ने पहचाने गए ऐप्स और वेबसाइटों के साथ-साथ किसी भी नए उल्लंघनकारी प्लेटफॉर्म को दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के दौरे के किसी भी हिस्से की मेजबानी, स्ट्रीमिंग या पुन: प्रसारण करने से रोक दिया।
डोमेन नाम रजिस्ट्रार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को 72 घंटों के भीतर इन अवैध ऐप्स से जुड़े डोमेन नामों को ब्लॉक और निलंबित करने का निर्देश दिया गया। जियोस्टार तत्काल रीयल-टाइम ब्लॉकिंग के लिए नए पहचाने गए उल्लंघनकारी ऐप्स/साइटों का विवरण भी प्रदान कर सकता है।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यदि कोई नया ऐप/वेबसाइट आयोजन के दौरान या उससे पहले अवैध रूप से मैचों की स्ट्रीमिंग करता पाया जाता है तो जियोस्टार बिना किसी देरी के रीयल-टाइम ब्लॉकिंग के लिए संबंधित डोमेन रजिस्ट्रार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के साथ तुरंत उनका विवरण साझा कर सकता है।
कंपनी को नियमित रूप से हलफनामा प्रस्तुत करना होगा, जिसमें उल्लंघन करने वाले सभी नए प्लेटफ़ॉर्म की सूची हो ताकि कोर्ट को जानकारी मिलती रहे और यह सुनिश्चित हो सके कि निषेधाज्ञा स्वचालित रूप से सभी नए खोजे गए अवैध ऐप और वेबसाइटों पर लागू हो।
इस मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च, 2026 को होगी।
Case Title: Jiostar India Private Limited v. Cricfy TV & Ors