दिल्ली हाईकोर्ट ने IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को योग्य पाए जाने पर पदोन्नति देने के निर्देश के खिलाफ केंद्र की याचिका खारिज की

Update: 2025-08-29 05:51 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को UPSC द्वारा उपयुक्त पाए जाने पर पदोन्नति देने के निर्देश के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका खारिज की।

जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस मधु जैन की खंडपीठ ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण का आदेश बरकरार रखा और केंद्र सरकार को चार सप्ताह के भीतर निर्देश का पालन करने को कहा।

आलोचना आदेश के तहत CAT ने सरकार को वानखेड़े की पदोन्नति से संबंधित सीलबंद लिफाफा खोलने का निर्देश दिया और कहा कि यदि UPSC द्वारा उनके नाम की सिफारिश की जाती है तो उन्हें 1 जनवरी, 2021 से अतिरिक्त आयुक्त के पद पर पदोन्नति प्रदान की जाएगी।

केंद्र सरकार का तर्क था कि न्यायाधिकरण इस तथ्य को समझने में विफल रहा कि वानखेड़े के खिलाफ CBI और ED द्वारा मामले दर्ज किए गए और शिकायत भी प्राप्त हुई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने नौकरी पाने के लिए जाली जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।

याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि वानखेड़े के खिलाफ कोई विभागीय कार्यवाही लंबित नहीं है, जिसमें उनके खिलाफ कोई आरोप-पत्र जारी किया गया हो।

न्यायालय ने आगे कहा कि वानखेड़े को न तो निलंबित किया गया और न ही उनके खिलाफ किसी आपराधिक मामले में कोई आरोप-पत्र दायर किया गया।

न्यायालय ने कहा,

"यद्यपि याचिकाकर्ताओं के वकील ने दृढ़तापूर्वक तर्क दिया कि प्रतिवादी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिनके लिए FIR और एक ICIR दर्ज की गई और सीवीसी ने पहले भी अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की सलाह दी है। फिर भी तथ्य यह है कि आपराधिक मामलों में न तो आरोप-पत्र दायर किया गया और न ही आरोप-पत्र जारी करके अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई।"

न्यायालय ने आगे कहा कि वानखेड़े की ओर से कोई अपराध स्वीकार नहीं किया गया। केंद्र सरकार का यह मामला नहीं है कि CBI या ED द्वारा जांच पूरी कर ली गई, जिसके परिणामस्वरूप उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया।

इसमें कहा गया,

"जहां तक ​​विभागीय कार्यवाही का सवाल है, याचिकाकर्ताओं ने स्वयं सीवीसी को इस पर आगे कार्रवाई न करने की सलाह दी।"

Title: UNION OF INDIA AND ORS v. SAMEER DNYANDEV WANKHEDE

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