पहले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को आवंटित की गई भूमि का राजनीतिक दलों को आवंटन रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने शहर के वसंत विहार क्षेत्र में तीन राजनीतिक दलों को उनके पार्टी कार्यालयों के निर्माण के लिए 2.0524 एकड़ भूमि के आवंटन में बाधा डालने से इनकार किया, जिसे पहले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को आवंटित किया गया लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने 2002 में इसे रद्द कर दिया था।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि भूमि पहले ही राजनीतिक दलों- समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और मिजो पीस फाउंडेशन को आवंटित की जा चुकी है, इसलिए समय को पीछे नहीं बढ़ाया जा सकता।
न्यायालय ने कहा,
"राजनीतिक दलों के पक्ष में आवंटन में बाधा नहीं डाली जा सकती। तदनुसार इस न्यायालय की राय में वसंत विहार भूमि का पुनः आवंटन संभव नहीं है।"
खंडपीठ वर्ष 2016 में AAI द्वारा संबंधित भूमि के संबंध में दायर अपील पर विचार कर रही थी। यह भूमि AAI को आवासीय परिसर के रूप में अपने अधिकारियों के लिए 120 आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए आवंटित की गई।
आवास इकाइयों के निर्माण की शुरुआत से पहले केंद्र द्वारा उक्त आवंटन रद्द कर दिया गया। AAI का कहना था कि आवंटन रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया। AAI द्वारा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और सरकार द्वारा गठित विवाद समिति से संपर्क करने के बावजूद मामला हल नहीं हुआ।
अपील के दौरान भूमि के कुछ हिस्से राजनीतिक दलों को आवंटित किए गए, जिन्होंने अपने-अपने निर्माण किए। AAI ने इसका विरोध किया था लेकिन विभिन्न न्यायिक आदेशों के तहत निर्माण आगे बढ़ा। AAI ने वैकल्पिक भूमि के आवंटन से इनकार किया।
खंडपीठ ने कहा कि वसंत विहार भूमि का आवंटन रद्द करने के बाद से बहुत समय बीत चुका है। तीन राजनीतिक दलों को उनके पार्टी कार्यालयों के लिए पहले ही भूमि आवंटित की जा चुकी है। अब उन्हें परेशान नहीं किया जा सकता, क्योंकि AAI द्वारा दायर रिट याचिका को एकल जज द्वारा पहले ही खारिज कर दिया गया।
न्यायालय ने कहा,
"भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम 1994 की धारा 13 के तहत AAI वैधानिक प्राधिकरण है, जिसने वसंत विहार भूमि के लिए भुगतान किया। निर्माण में देरी वह भी स्वायत्त वैधानिक प्राधिकरण कीप्रथम दृष्टया इस तरह की भूमि पर उनके अधिकार और उनके कर्मचारियों के लिए फ्लैटों के निर्माण की संभावना को समाप्त नहीं कर सकती।"
न्यायालय ने कहा कि वसंत विहार भूमि के पुनः आवंटन के लिए AAI की प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जा सकता, इसलिए राजनीतिक दलों को संबंधित आवंटन शर्तों के अनुसार अपने आवंटन को बनाए रखना जारी रखना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि AAI को वैकल्पिक भूमि का आवंटन उचित और व्यवहार्य प्रस्ताव था, जिस पर केंद्र सरकार द्वारा बार-बार विचार किया गया लेकिन इसे फलित नहीं किया गया।
खंडपीठ ने आदेश दिया कि 15 अप्रैल को या उससे पहले केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव और AAI के अध्यक्ष के बीच उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाए।
न्यायालय ने कहा,
“यदि वैकल्पिक भूमि व्यवहार्य प्रस्ताव नहीं है तो NBCC द्वारा निर्मित फ्लैटों को AAI की आवश्यकता के अनुसार, एएआई द्वारा केवल निर्माण, रखरखाव आदि की लागत के रियायती शुल्क का भुगतान करने पर आवंटन के लिए विचार किया जा सकता है। ऐसा दृष्टिकोण AAI के कर्मचारियों के हित में, दो सरकारी विभागों के बीच लंबे समय से लंबित इस विवाद को भी हल कर सकता है।”
अब मामले की सुनवाई 01 मई को होगी।
टाइटल: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण बनाम भारत संघ और अन्य