दिल्ली हाईकोर्ट ने मेटा को नाबालिग की अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने वाले फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट हटाने का निर्देश दिया
15 वर्षीय नाबालिग लड़की की मदद करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (25 जून) को मेटा को निर्देश दिया कि वह इंस्टाग्राम पर अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने वाले फर्जी अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई करे। मेटा इंस्टाग्राम की मालिक कंपनी है।
जस्टिस मनोज जैन ने मेटा को यह भी निर्देश दिया कि वह इन फर्जी अकाउंट्स के पीछे मौजूद लोगों का विवरण उजागर करे।
अदालत ने आदेश दिया,
“प्रतिवादी नंबर 1 (मेटा) को निर्देश दिया जाता है कि वह प्रतिवादी नंबर 2 से 6 तक की बेसिक सब्सक्राइबर इन्फॉर्मेशन (BSI) जिसमें आईपी डिटेल्स शामिल हों, उपलब्ध कराए और प्रार्थना में उल्लिखित यूआरएल के संबंध में कार्रवाई करे।”
यह याचिका नाबालिग की ओर से उसकी मां ने दाखिल की थी, जिसमें प्रतिवादियों के खिलाफ स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा और हर्जाना मांगा गया। याचिका में कहा गया कि प्रतिवादियों ने धोखे से नाबालिग की अश्लील और आपत्तिजनक तस्वीरें हासिल कीं ताकि उसे ब्लैकमेल किया जा सके। कुछ तस्वीरों के मोर्फ्ड होने का भी आरोप लगाया गया।
याचिका में यह भी कहा गया कि प्रतिवादियों ने गुमनाम प्रोफाइल बनाए हैं और तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी असली पहचान और विवरण का पता नहीं चल पाया।
अदालत ने कहा,
“ऐसा लगता है कि यह सब नाबालिग पीड़िता द्वारा किसी रिक्वेस्ट को साधारण रूप से स्वीकार करने के बाद शुरू हुआ। पीड़िता के अनुसार उसकी पहचान का उपयोग करके कई फर्जी अकाउंट बनाए गए जो स्पष्ट रूप से पहचान की नकल करने का जानबूझकर किया गया कार्य है।”
अदालत ने यह मानते हुए कि अगर अंतरिम राहत न दी गई तो याचिकाकर्ता को अपूरणीय क्षति हो सकती है प्रतिवादियों को अगली सुनवाई तक नाबालिग की असली या मोर्फ्ड आपत्तिजनक तस्वीरें अपलोड करने से रोक दिया।
मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
केस टाइटल: Minor Victim Through Neetu Chadha बनाम Meta Platforms Inc & Others