दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में अहलमद को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने से किया इनकार, कहा- आरोप 'बहुत गंभीर'

Update: 2025-05-28 05:54 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के अहलमद को इस स्तर पर गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने से मंगलवार को इनकार कर दिया।

जस्टिस अमित शर्मा ने कहा कि कोर्ट स्टाफ के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर हैं और मामले में अग्रिम जमानत मांगने वाली उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया।

कोर्ट ने ACB से जवाब मांगा और मामले की सुनवाई 29 मई को तय की, जब अहमद की FIR रद्द करने की याचिका भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

कोर्ट ने अनुकूल आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा,

"बहुत गंभीर आरोप हैं। सबूत रिकॉर्ड में आ चुके हैं। हमारे अपने स्टाफ के एक व्यक्ति ने....उन्होंने (ACB) बयान दिया कि वे आपकी हिरासत में पूछताछ चाहते हैं...।"

16 मई को ACB ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 के साथ BNS की धारा 61(2) और 308(2) के तहत अपराधों के लिए अहलमद के खिलाफ FIR दर्ज की थी। यह विभिन्न शिकायतों के बाद किया गया कि जमानत हासिल करने के बदले में अदालत के कर्मचारियों द्वारा आरोपी व्यक्तियों से रिश्वत मांगी जा रही थी। 22 मई को ट्रायल कोर्ट ने अहलमद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

ट्रायल कोर्ट के समक्ष अहलमद ने तर्क दिया कि ACB ने उस स्पेशल जज से बदला लेने के लिए झूठी FIR दर्ज की थी, जिसके अधीन वह काम कर रहा था।

हाईकोर्ट के समक्ष अहलमद ने FIR रद्द करने और निष्पक्ष और उचित जांच के लिए मामले को ACB से CBI को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए याचिका दायर की।

उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के दो अधिकारियों- संयुक्त आयुक्त और एसीपी के खिलाफ कथित रूप से अंडरहैंड डीलिंग, भ्रष्टाचार, ब्लैकमेलिंग और दस्तावेजों के निर्माण के लिए विभागीय जांच की भी मांग की है।

टाइटल: मुकेश कुमार बनाम राज्य

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