दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से आवारा कुत्तों के पुनर्वास के लिए नीति बनाने पर विचार करने को कहा

Update: 2025-05-27 10:57 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और अन्य प्राधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के पुनर्वास के लिए नीति बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया।

यह देखते हुए कि यह नीतिगत निर्णय है, जस्टिस मिनी पुष्करणा ने मामले को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को भेज दिया।

अदालत ने कहा,

"इसके अनुसार यह निर्देश दिया जाता है कि हितधारकों द्वारा एक नीतिगत निर्णय लिया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संस्थागत स्तर पर आवारा कुत्तों के पुनर्वास के लिए प्रावधान किए जाएं, जिससे आवारा कुत्तों का पुनर्वास किया जा सके और उन्हें सार्वजनिक सड़कों और गलियों से चरणबद्ध तरीके से हटाया जा सके।"

इसने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि वे सभी संबंधित हितधारकों की एक बैठक बुलाएं, जिससे यह नीतिगत निर्णय लिया जा सके कि सड़कों और पार्कों में घूमने वाले आवारा कुत्तों को आखिरकार कैसे हटाया जाए, उनका पुनर्वास किया जाए और उन्हें संस्थागत आश्रय में रखा जाए।

न्यायालय 2023 में डॉग अम्मा के नाम से मशहूर अस्सी वर्षीय प्रतिमा देवी द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रहा था। 21 मई को पारित आदेश में जस्टिस पुष्करणा ने कहा कि आवारा कुत्तों द्वारा कुत्तों के काटने के कई मामले सामने आए हैं, जिनकी खबरें नियमित रूप से समाचार पत्रों में आती रहती हैं। साथ ही कई याचिकाएं भी हैं, जिनमें कुत्तों के काटने के मामले न्यायालय के संज्ञान में लाए गए हैं।

न्यायालय ने आगे कहा कि मार्च में यह देखा गया कि याचिकाकर्ता के अस्थायी आश्रय में 200 से अधिक आवारा कुत्ते रह रहे थे। न्यायालय ने कहा कि यदि उक्त कुत्तों को आस-पास या खुले में छोड़ा जाता है तो यह बहुत गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है, क्योंकि 200 से अधिक आवारा कुत्तों को सड़कों पर खुला नहीं छोड़ा जा सकता।

न्यायालय ने कहा,

"इस न्यायालय का यह मत है कि उपरोक्त चर्चा के संदर्भ में तथा वर्तमान मामले में उत्पन्न तथ्यों पर विचार करते हुए संबंधित अधिकारियों पर आवारा कुत्तों के पुनर्वास के लिए नीति तैयार करने पर विचार करने का दायित्व है तथा चूंकि यह नीतिगत निर्णय है, इसलिए इसे दिल्ली सरकार, एमसीडी तथा एडब्ल्यूबीआई के समन्वित प्रयासों से लिया जाना चाहिए।"

अब मामले की सुनवाई 06 अगस्त को होगी।

केस टाइटल: प्रतिमा देवी बनाम दिल्ली नगर निगम एवं अन्य

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