दिल्ली हाईकोर्ट ने राजपुताना राइफल्स के सैनिकों के लिए फुटओवर ब्रिज निर्माण की अंतिम योजना मांगी, सैनिक रोज़ाना गंदे नाले से होकर गुजरने को मजबूर

Update: 2025-06-18 08:11 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को शहर के संबंधित प्राधिकरणों से राजपुताना राइफल्स के सैनिकों के लिए फुटओवर ब्रिज निर्माण की अंतिम योजना मांगी। बता दें, ये सैनिक हर सुबह अपनी बैरकों से परेड ग्राउंड तक मार्च करते हुए एक गंदे नाले से होकर गुजरने को मजबूर हैं।

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग (PWD) दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया कि वे संयुक्त बैठक कर इस फुटओवर ब्रिज के तत्काल निर्माण का समाधान निकालें।

कोर्ट ने यह भी कहा कि आवश्यकता होने पर दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड सेना की किसी भी एजेंसी की सहायता ले सकता है।

कोर्ट ने निर्देश दिया,

“फुटओवर ब्रिज के निर्माण के लिए एक योजना को अंतिम रूप दिया जाए और इसकी बजट, डिज़ाइन और निर्माण समयसीमा पर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जाए।”

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिज का निर्माण खर्च PWD द्वारा वहन किया जाएगा, क्योंकि इस परियोजना को 2000 में ही मंजूरी दी जा चुकी थी, लेकिन आज तक इसका निर्माण नहीं हुआ।

यह मामला कोर्ट ने स्वतः संज्ञान (suo motu) में लिया था जब 26 मई को हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट A smelly trail from barracks to grounds: Regiment's daily battle पर न्यायिक ध्यान दिया गया।

रिपोर्ट में बताया गया कि सैनिकों को हर दिन चार बार एक गंदे नाले (Culvert) से होकर गुजरना पड़ता है, जो अक्सर कीचड़ से सना हुआ पानी से भरा और कमर तक गहरा होता है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निर्देश दिया कि Culvert में पानी जमा न होने दिया जाए ताकि सैनिकों की आवाजाही में कोई बाधा न हो। साथ ही नियमित रूप से पानी की निकासी की निगरानी करने को कहा गया।

स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने पहले ही टिप्पणी की थी कि सैनिकों को इस प्रकार के नाले से होकर गुजरना अस्वीकार्य स्थिति है।

टाइटल: COURT ON ITS OWN MOTION v. DELHI CONT

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