दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रष्ट आचरण के आधार पर AAP नेता आतिशी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, उनसे जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी मार्लेना के हाल के विधानसभा चुनावों में कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने भ्रष्ट आचरण किया है।
जस्टिस ज्योति सिंह ने आतिशी, भारत के चुनाव आयोग (ECI) रिटर्निंग अधिकारी और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा और मामले को जुलाई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
यह याचिका कमलजीत सिंह दुग्गल और आयुष राणा ने दायर की, जो कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के मतदाता है।
आतिशी ने 52,154 वोट हासिल किए और भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 3,521 वोटों के अंतर से हराया था।
शुरुआत में रिटर्निंग ऑफिसर और ECI की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि कानून में यह तय है कि चुनाव याचिका में न तो ECI और न ही रिटर्निंग ऑफिसर को पक्ष बनाया जा सकता है।
उनकी प्रतिक्रिया मांगते हुए कोर्ट ने कहा कि ECI और रिटर्निंग ऑफिसर दोनों ही अपने जवाब में उक्त विरोध को शामिल कर सकते हैं।
जस्टिस सिंह ने ECI रिटर्निंग ऑफिसर और दिल्ली पुलिस को कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव से संबंधित सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया, जिसका परिणाम 09 फरवरी को घोषित किया गया था।
कोर्ट ने कहा,
"यदि आवश्यक हो तो प्रतिवादी 2 से 4 के लिए आदेश में संशोधन के लिए आवेदन दायर करना खुला रहेगा।"
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मतदान से एक दिन पहले, आतिशी के करीबी सहयोगियों को 5 लाख रुपये नकद के साथ पकड़ा गया और वे मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट खरीदने के लिए रिश्वत देने के उनके निर्देश पर काम कर रहे थे।
याचिका के अनुसार आतिशी ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा I23 (I) (ए) के तहत रिश्वत का भ्रष्ट आचरण किया है।
इसके अलावा याचिका में आरोप लगाया गया कि आतिशी ने "भ्रष्ट आचरण" किया, क्योंकि AAP के पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनकी सहमति से, झूठे बयानों वाले "फर्जी वीडियो" प्रकाशित किए, जिसमें आरोप लगाया गया कि पुरुष भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी के निर्देशों के तहत कालकाजी में "गुंडागर्दी" कर रहे थे।
याचिका में आगे कहा गया कि AAP की महिला कार्यकर्ताओं ने बाद में कबूल किया कि फर्जी वीडियो प्रतिवादी नंबर 1 - आतिशी मार्लेना के निर्देश पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की छवि को धूमिल करने और आगामी चुनावों में श्री बिधूड़ी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाए गए।
इसमें आगे आरोप लगाया गया कि आतिशी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद का इस्तेमाल कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे अन्य उम्मीदवारों पर अनुचित लाभ हासिल करने के लिए किया।
इसमें आगे कहा गया,
"प्रतिवादी नंबर 1 ने अपने चुनाव प्रचार अभियान को सब्सिडी देने और अपने समर्थन के लिए सरकारी वाहनों और सरकारी कर्मचारियों का इस्तेमाल करके मतदाताओं तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।"
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि आतिशी चुनावी अपराध करने, चुनाव से पहले 48 घंटे की मौन अवधि का उल्लंघन करने और अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामले का खुलासा न करके झूठा हलफनामा दाखिल करने की दोषी हैं।
केस टाइटल: कमलजीत सिंह दुग्गई और अन्य बनाम आतिशी मर्लिना और अन्य।