फिलहाल अरविंद केजरीवाल की जमानत रद्द करने पर जोर नहीं, लेकिन ट्रायल कोर्ट का आदेश त्रुटिपूर्ण: ED ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा

Update: 2025-05-05 15:31 GMT

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में बताया कि वह फिलहाल आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में दी गई जमानत रद्द करने पर जोर नहीं दे रहा है लेकिन ट्रायल कोर्ट का आदेश कानूनी रूप से गलत, पक्षपाती और हटाए जाने योग्य है।

ASG एस.वी. राजू ने जस्टिस रवींद्र दुडेजा की पीठ के समक्ष कहा कि भले ही एजेंसी फिलहाल केजरीवाल की जमानत रद्द करने की मांग नहीं कर रही लेकिन राउज एवेन्यू कोर्ट की अवकाशकालीन जज न्याय बिंदु द्वारा 20 जून 2024 को दिया गया नियमित जमानत आदेश कानून के विरुद्ध और दोषपूर्ण है।

ED की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी और उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया था।

मौजूदा सुनवाई में राजू ने कहा कि हालांकि केजरीवाल को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अंतरिम जमानत मिली है लेकिन ट्रायल कोर्ट ने गलत आधारों पर जमानत दी थी।

उन्होंने कहा,

"मैं उनकी जमानत रद्द करने की मांग नहीं कर रहा हूं, लेकिन ट्रायल कोर्ट का आदेश पक्षपातपूर्ण था। हमें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। जज ने कहा कि रिकॉर्ड बहुत अधिक है, इसलिए इसमें नहीं जाना चाहते।"

वहीं केजरीवाल की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट विक्रम चौधरी ने कहा कि जब ED यह मान रही है कि वह जमानत रद्द नहीं करवाना चाहती तो फिर इस विषय में न्यायालय का समय बर्बाद करना बेकार है।

उन्होंने यह भी कड़ा विरोध किया कि ED इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में आगे की सुनवाई तक के लिए स्थगित करना चाहती है।

राजू ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बड़ी पीठ अंतरिम जमानत को बढ़ा भी सकती है और रद्द भी।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ अभी गठित नहीं हुई है और अगर वह केजरीवाल की अंतरिम जमानत रद्द करती है तो ED की याचिका लंबित रहनी चाहिए।

इस पर चौधरी ने जवाब दिया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद इस मामले में कुछ बचा नहीं है।

उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट का आदेश तर्कसंगत है और सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम जमानत आदेश नियमित जमानत के बराबर है।

उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक सह-आरोपी को जमानत देते समय कहा था कि सभी आरोपी जमानत पर हैं।

कोर्ट ने इसके बाद मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई 2025 को तय की।

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2024 में उन्हें आम चुनावों को देखते हुए 1 जून, 2024 तक अंतरिम जमानत दी थी।

टाइटल: ईडी बनाम अरविंद केजरीवाल

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