अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मानहानि मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द किया समन और शिकायत
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (4 नवंबर) को पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मानहानि मामले में जारी समन को रद्द कर दिया।
यह मामला वकील विक्रम सिंह चौहान द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि 2016 में टाइम्स नाउ चैनल पर प्रसारित गोस्वामी के कार्यक्रम “द न्यूज़ आवर” में उनके खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणियाँ की गई थीं।
यह प्रसारण उस घटना से संबंधित था जिसमें पूर्व जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार और कुछ पत्रकारों पर पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में चौहान द्वारा कथित हमले का आरोप लगाया गया था। यह घटना उस समय हुई थी जब विश्वविद्यालय परिसर में कथित रूप से “भारत-विरोधी नारे” लगाए जाने की बात सामने आई थी।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने अर्नब गोस्वामी और टाइम्स नाउ चैनल के पूर्व अधिकारियों — श्रीजीत रामकांत मिश्रा और समीर जैन — के खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायत और जारी समन को रद्द कर दिया।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा —
“शिकायत रद्द की जाती है। समन आदेश निरस्त किया जाता है।”
यह याचिकाएँ 2018 और 2019 में दायर की गई थीं। इस मामले में निर्णय 21 अप्रैल को सुरक्षित रखा गया था।
गोस्वामी ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जो 28 फरवरी 2018 को पारित किया गया था, जिसमें उन्हें मानहानि मामले में आरोपी के रूप में समन किया गया था।
9 फरवरी 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट की एक समन्वय पीठ ने गोस्वामी को इस मामले में निचली अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट दी थी। इसी तरह का आदेश मिश्रा और जैन द्वारा दायर याचिकाओं में भी पारित किया गया था। ये अंतरिम आदेश समय-समय पर बढ़ाए जाते रहे।
अपनी शिकायत में चौहान ने आरोप लगाया था कि 19 फरवरी 2016 को प्रसारित कार्यक्रम के दौरान गोस्वामी ने उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए थे।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि इन मानहानिकारक आरोपों का उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना, और व्यक्तिगत बदला लेने के इरादे से उनके करियर को नष्ट करना था।
विवादित आदेश में निचली अदालत ने कहा था कि चौहान के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया उनकी प्रतिष्ठा को प्रभावित करने वाले हैं और गोस्वामी व अन्य के खिलाफ मानहानि के अपराध के लिए समन जारी करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं।