पत्नी की प्रेग्नेंसी जमानत के लिए कोई आधार नहीं है, खासकर जब आपराधिक जांच जारी है: कर्नाटक हाईकोर्ट

Update: 2022-11-08 12:34 GMT

Karnataka High Court

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में हत्या की जांच में शामिल व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया। मामले में पत्नी की प्रेग्नेंसी को आधार बनाकर जमानत की मांग की गई थी, जिसकी जिसकी जल्दी ही डिलीवरी होने वाली है।

जस्टिस शिवशंकर अमरन्नावर की धारवाड़ में बैठी एकल पीठ ने टिप्पणी की,

"जब जांच जारी हो तो केवल अपीलकर्ता/आरोपी नंबर 29 की पत्नी प्रेग्नेंट है और मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार उसकी डिलीवरी की नियत तारीख 06.11.2022 है, इस स्तर पर जमानत देने का आधार नहीं हो सकता।"

दो ग्राम समूहों की प्रतिद्वंद्विता के बीच शिकायतकर्ता के हमले और उसके भाई की हत्या के मामले में कम से कम 31 लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 149 के सपठित धारा 143, 147, 148, 323, 324, 307, 302, 504, 506 और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3 (2) (v) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।

अपीलकर्ता-अभियुक्त प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज किए जाने से व्यथित था। उसने कहा कि शिकायत और एफआईआर में उसके नाम का उल्लेख नहीं है और उसके खिलाफ एकमात्र आरोप यह है कि उसने अन्य आरोपियों को उकसाया।

उसने मानवीय आधार पर यह कहते हुए भी गुहार लगाई कि उसकी पत्नी के साथ उसके सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और उसे उसके साथ रहने की जरूरत है, क्योंकि उनकी डिलीवरी की तारीख नजदीक है।

हालांकि, हाईकोर्ट ने रिकॉर्ड का अध्ययन करने पर निचली अदालत से सहमति जताई कि अपीलकर्ता की रिहाई से गांव में और अशांति हो सकती है।

हाईकोर्ट ने यह जोड़ा,

"उसकी सही भूमिका क्या है, यह जांच और अंतिम रिपोर्ट का मामला है। केवल इसलिए कि अपीलकर्ता/अभियुक्त नंबर 29 ने घटना के स्थान से 40 किमी की दूरी पर स्थित गंगावती में अदालत में आपराधिक मामले में भाग लिया, इस स्तर पर यह नहीं कहा जा सकता कि घटना के दिन वह मौके पर मौजूद नहीं था। अब केवल इसलिए कि अपीलकर्ता/आरोपी नंबर 29 की पत्नी प्रेग्नेंट है और मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार उसकी डिलीवरी की तिथि 06.11.2022 है, इस स्तर पर जमानत नहीं दी जा सकती, जब जांच जारी है।"

तदनुसार, यह माना गया कि सत्र न्यायाधीश ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।

केस टाइटल: गुरुनागौड़ा @ गुरुमूर्तिगौड़ा बनाम कर्नाटक राज्य

केस नंबर: आपराधिक अपील नंबर 100476/2022 C/W आपराधिक अपील नंबर 100485/2022

साइटेशन: लाइव लॉ (कर) 449/2022

आदेश की तिथि: 28 अक्टूबर, 2022

उपस्थिति: अपीलकर्ताओं के लिए एडवोकेट टी. आर. पाटिल; प्रशांत वी. मोगली, एचसीजीपी आर1 के लिए।

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