डेटा प्राइवेसी सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला वर्चुअल क्यू पर टीसीएस से पूछा

Update: 2021-12-02 05:32 GMT

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के प्रोजेक्ट मैनेजर को सबरीमाला वर्चुअल क्यू पोर्टल में प्रवेश करने वाले तीर्थयात्रियों के डेटा के संबंध में विभिन्न निर्देश जारी किए।

जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजितकुमार की एक डिवीजन बेंच केरल पुलिस द्वारा लागू 'सबरीमाला तीर्थ प्रबंधन प्रणाली' की वैधता पर सवाल उठाने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिका में आरोप लगाया गया कि यह सबरीमाला में दर्शन को केवल वर्चुअल कतार सेवाओं का लाभ उठाने वालों तक सीमित रखता है।

आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, एसपीएमएस के लिए एकल डिजिटल प्लेटफॉर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, हैदराबाद नामक एक निजी एजेंसी द्वारा विकसित और सुगम किया गया है।

अदालत ने मामले की पहली सुनवाई के बाद से टीसीएस से इनपुट मांगा, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया।

तदनुसार, पीठ ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए:

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर को वर्चुअल-क्यू प्लेटफॉर्म में डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों की व्याख्या करते हुए एक हलफनामा दर्ज करना चाहिए।

प्रोजेक्ट मैनेजर यह भी बताएगा कि क्या वर्चुअल-क्यू बुकिंग के समय एकत्र किए गए डेटा का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए किया जा रहा है और क्या उस डेटा तक पहुंच राज्य पुलिस या किसी अन्य एजेंसी के लिए उपलब्ध है।

हलफनामे में वह वर्चुअल-क्यू प्लेटफॉर्म के लिए बुनियादी ढांचे और जनशक्ति की आवश्यकताओं को बताएगा।

चूंकि वकील ने परियोजना प्रबंधक के हलफनामे को दर्ज करने के लिए दस दिन का समय मांगा है, इसलिए मामले को अगली सुनवाई के लिए 14.12.2021 को सूचीबद्ध किया गया।

केस शीर्षक: सू मोटू बनाम त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड

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