पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले जस्टिस अमृता सिन्हा को सौंपे

Update: 2023-05-03 04:52 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित मामलों को जस्टिस अमृता सिन्हा को सौंप दिया।

हाईकोर्ट द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया,

"रिट याचिकाएं, रिट याचिकाओं में दायर किए गए सभी आवेदन और पुनर्विचार आवेदन सहित दायर किए जा सकने वाले अन्य आवेदन माननीय जस्टिस अमृता सिन्हा को सौंपे जाते हैं।"

सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस को मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपने का निर्देश दिया।

इस मामले की सुनवाई पहले जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय कर रहे थे, जिन्होंने मामले में सीबीआई और ईडी को टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पूछताछ करने का निर्देश दिया था।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को जस्टिस गंगोपाध्याय द्वारा पारित निर्देशों के अनुसरण में बनर्जी के खिलाफ सभी कार्रवाइयों पर रोक लगाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस गंगोपाध्याय के एबीपी आनंद के इंटरव्यू पर आपत्ति जताई थी, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर बनर्जी के खिलाफ बात की थी।

अदालत ने टिप्पणी की कि "न्यायाधीशों के पास लंबित मामलों पर इंटरव्यू देने का कोई व्यवसाय नहीं है," और स्पष्टीकरण मांगा कि क्या कथित बयान एकल न्यायाधीश द्वारा दिए गए या नहीं। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को न्यायाधीश से मामले की पुष्टि कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस मामले को फिर से सौंपने का निर्देश दिया, जस्टिस गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को निर्देश दिया कि वह आधी रात तक उन्हें उनके द्वारा मीडिया में दिए गए इंटरव्यू की प्रतिलेखन प्रति उपलब्ध कराएं, जो सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी गई है।

हालांकि, उसी दिन विशेष बैठक में सुप्रीम कोर्ट ने 'न्यायिक अनुशासन' का हवाला देते हुए जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश पर रोक लगा दी थी।

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