"पूरी तरह से अर्थहीन याचिका': मद्रास हाईकोर्ट ने फिजिकल मोड में कामकाज फिर से शुरू करने, वकीलों के चैंबर खोलने की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2021-08-09 10:04 GMT

मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने वकील द्वारा दायर याचिका को पूरी तरह से अर्थहीन याचिका बताते हुए खारिज किया। याचिका में फिजिकल मोड में फिर से कामकाज शुरू करने और वकीलों के चैंबर खोलने की मांग की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति एस अनंती की खंडपीठ ने आदेश दिया कि,

"अनुमति प्राप्त होने पर किसी प्रकार की शारीरिक सुनवाई संभव है। जहां तक वर्चुअल सुनवाई का संबंध है, मदुरै में प्रदर्शन प्रिंसिपल सीट की तुलना में काफी बेहतर प्रतीत होता है।"

बेंच ने आगे कहा कि,

"यह एक बेखबर वकील द्वारा और जनहित के खिलाफ की गई एक गलत सलाह और पूरी तरह से अर्थहीन याचिका है।"

कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए यह भी आदेश दिया कि भविष्य में जनहित में इस असाधारण क्षेत्राधिकार को लागू करने से पहले याचिकाकर्ता को अत्यधिक संयम बरतना चाहिए।

कोर्ट ने देखा कि राज्य में COVID19 की दूसरी लहर के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों का उत्थान नहीं किया गया है। न्यायालय ने कहा कि कोई निर्णायक वैज्ञानिक राय नहीं है कि COVID19 की तीसरी लहर कब आ सकती है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में पड़ोसी राज्य में COVID19 पॉजिटिव मामलों की संख्या खतरनाक स्तर पर बढ़ रही है।

कोर्ट ने कहा कि,

"इस न्यायालय ने लगातार चेतावनी दी है कि ऐसी स्थिति में जनहित में और सभी संबंधितों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।"

न्यायालय ने राज्य में न्यायालयों द्वारा वर्चुअल सुनवाई जारी रखने के तरीके की सराहना करते हुए कहा कि अदालतों द्वारा मामलों को बिना बर्खास्त या एकतरफा आदेश पारित किए बिना लिया और निपटाया गया है।

कोर्ट ने कहा कि कुल मिलाकर कार्य दिवस का बड़ा हिस्सा न्यायालय में बैठे न्यायाधीशों द्वारा लिया जाता है, यदि कार्य घंटों की संपूर्णता के लिए नहीं, तो कुछ मामलों में बोर्ड को पूरा किए बिना।

कोर्ट इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि केवल न्यायालय को उन मामलों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति दी जाए, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है और फालतू और काल्पनिक पर समय बर्बाद नहीं करना है।

शीर्षक: उकरपांडियन बनाम रजिस्ट्रार प्रशासन, मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ एंड अन्य।

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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