केरल विस्फोटों के बाद पोस्ट को लेकर मामला रद्द करने के लिए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हाईकोर्ट का रुख किया, अदालत ने कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया

Update: 2023-11-29 07:29 GMT

केरल हाईकोर्ट ने कलमासेरी बम विस्फोटों के बाद राज्य में कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी करने और धार्मिक विद्वेष पैदा करने के लिए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आज आदेश दिया।

जस्टिस सी.एस. डायस (एमपी/एमएलए के लिए विशेष न्यायाधीश) ने अंतरिम आदेश जारी कर निर्देश दिया कि 14 दिसंबर, 2023 तक मंत्री के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।

सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी मंत्री की ओर से पेश हुए और तर्क दिया कि उन्होंने राज्य में नफरत या धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए कोई शब्द या बयान नहीं दिया, न ही उन्होंने दंगा भड़काने के लिए कोई गैरकानूनी कार्य किया।

मंत्री द्वारा उनके खिलाफ दर्ज दो एफआईआर रद्द करने के लिए अदालत के समक्ष दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गईं, जहां उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 सपठित धारा 153ए और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120 (ओ) के तहत अपराध करने का आरोप लगाते हुए एकमात्र आरोपी बनाया गया।

मंत्री राजीव के खिलाफ आरोप यह है कि उन्होंने हाल ही में 29 अक्टूबर को हुए कालामसेरी बम विस्फोटों के बाद अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से भड़काऊ टिप्पणी पोस्ट की। यह आरोप लगाया गया कि मंत्री ने अपने फेसबुक पेज पर 'फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह' पर कथित रूप से "भड़काऊ टिप्पणी"- हमास के कारण राज्य में धार्मिक सौहार्द्र बिगड़ रहा है- पोस्ट की।

मंत्री द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि उन्हें केवल इस बात की चिंता है कि राज्य सरकार राज्य में अपनी 'तुष्टिकरण की राजनीति' के कारण 'हमास' जैसे कट्टरपंथी समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और निष्क्रिय रुख अपना रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कलामसेरी बम विस्फोटों के बाद ही अपनी चिंता व्यक्त की थी।

याचिका में आगे कहा गया कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करना दुर्भावनापूर्ण अभियोजन के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने किसी विशेष धार्मिक समुदाय के संदर्भ में कोई बयान नहीं दिया। याचिका में कहा गया कि उन्हें गलत इरादों से गलत तरीके से निशाना बनाया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और क्राइम नंबर 3408/2023 और 3418/2023 में आगे की कार्यवाही रद्द की जानी चाहिए।

याचिकाएं एडवोकेट संतोष मैथ्यू, अनिल सेबेस्टियन पुलिकेल, अबी बेनी अरेकल, मैथ्यू नेविन थॉमस, शिंटो मैथ्यू अब्राहम, कुरियन एंथोनी मैथ्यू, जो एस अधिकारम द्वारा दायर की गईं।

केस नंबर: सीआरएल एमसी 10206/2023, सीआरएल एमसी 10216/2023

केस टाइटल: राजीव चन्द्रशेखर बनाम केरल राज्य

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