टूलकिट मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिशा रवि के खिलाफ जांच की मौजूदा स्थिति के बारे में केंद्र से जवाब मांगा

Update: 2023-02-27 09:04 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 2021 के किसानों के विरोध प्रदर्शनों पर "टूलकिट" के संबंध में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के खिलाफ मामले की जांच की वर्तमान स्थिति और स्थिति पर जवाब दाखिल करे।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह रवि की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थीं, जिसमें दिल्ली पुलिस को मामले से संबंधित किसी भी जांच सामग्री को मीडिया को लीक करने से रोकने की मांग की गई।

अदालत ने 4 सितंबर को मामले को सूचीबद्ध करते हुए कहा,

“भारत संघ को जांच की स्थिति और वर्तमान स्थिति के रूप में हलफनामा दाखिल करने दें। हलफनामा सुनवाई की अगली तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले दायर किया जाना चाहिए।”

रवि की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट अखिल सिब्बल ने प्रस्तुत किया कि जिस प्रश्न पर मामले में विचार-विमर्श की आवश्यकता है, वह यह है कि क्या जांच एजेंसी के पास किसी ऐसे व्यक्ति से निजी डेटा या जांच की पहचान करने और उसकी जांच करने की शक्ति और अधिकार है, जो जांच के दायरे में है।

सिब्बल ने प्रस्तुत किया कि इस मामले में अभी तक कोई चार्जशीट दायर नहीं की गई और रवि जमानत पर बाहर हैं।

सिब्बल ने कहा,

"जांच के दौरान, जब आरोप पत्र दायर किया जाना बाकी है तो आपने निजी डेटा एकत्र कर लिया और मीडिया रिपोर्ट करना शुरू कर देता है।"

जस्टिस सिंह ने इस पर कहा कि मामले की सुनवाई इस पहलू पर करनी होगी कि मामला जिंदा है या नहीं।

रवि को फरवरी 2021 में एक सत्र अदालत ने यह देखते हुए जमानत दे दी कि "रिकॉर्ड पर बहुत कम और अधूरे सबूतों को देखते हुए जमानत से इनकार करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं है।"

अदालत के समक्ष अपनी याचिका में रवि ने कहा कि उसके व्हाट्सएप चैट, जो प्राइवेट हैं, साथ ही पुलिस हिरासत में उसके समय के दौरान किए गए कथित एंट्री और खुलासे सार्वजनिक डोमेन में लीक हो गए। उसका यह मामला है कि इस तरह का खुलासा झूठा, दुर्भावनापूर्ण और निजता और फ्री ट्रायल के उसके अधिकार का उल्लंघन है।

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