व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से अधिक सक्रियता दिखाई जानी चाहिए: जस्टिस मदन बी लोकुर

Update: 2023-02-11 15:31 GMT

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से अधिक सक्रियता होनी चाहिए।

पीटीआई की एक खबर के अनुसार उन्होंने कहा,

"व्यक्तिगत स्वतंत्रता हमारे मौलिक अधिकारों का सबसे पोषित पहलू है। और हमारी व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करना राज्य का दायित्व है, न कि हमें हमारी व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करना, जब व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मुद्दा आता है, तब सुप्रीम कोर्ट की ओर से अधिक सक्रियता होनी चाहिए।"

जस्टिस लोकुर इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई-इंडिया) के इंडिया चैप्टर के पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। पीटीआई के अनुसार, जस्टिस मदन बी लोकुर ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर जारी हमलों और नागरिकों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर अपनी चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा,

"पिछले पुरस्कार समारोह और वर्तमान के बीच, एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां परिवर्तन हुआ है। पत्रकारिता की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिस क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है वह थोड़ा परेशान करने वाला है और वह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। मुझे लगता है कि यह अभी भी जारी है और यह खत्म होता नहीं दिख रहा है...एक पत्रकार को विदेश जाने से रोका गया है, मणिपुर के एक पत्रकार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया। एक पत्रकार को जमानत मिल गई लेकिन उसकी जमानत को सत्यापित करने में दो महीने लग गए ... कुछ लोगों के लिए जमानत प्राप्त करना मुश्किल हो गया है।"

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