जांच के बाद आवेदन दाखिल करने से आवेदक को एडवांस रूलिंग का आवेदन देने से रोका नहीं जाएगा: तेलंगाना हाईकोर्ट
तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) ने माना कि जांच के बाद आवेदन दाखिल करने से आवेदक को एडवांस रूलिंग का आवेदन देने से रोका नहीं जाएगा।
चीफ जस्टिस उज्ज्वल भुयाना और जस्टिस सी.वी. भास्कर रेड्डी की खंडपीठ ने कहा कि "कार्यवाही" शब्द को न तो अध्याय XVII में परिभाषित किया गया है और न ही परिभाषा खंड यानी सीजीएसटी अधिनियम की धारा 2 में। इसलिए जांच "कार्यवाही" शब्द के दायरे में नहीं आएगी।
याचिकाकर्ता कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। यह ज्यादातर केंद्र और राज्य सरकारों के साथ कार्य अनुबंध करने के व्यवसाय में लगी हुई है। याचिकाकर्ता सीजीएसटी अधिनियम और संबंधित अधिनियमों के तहत रजिस्टर्ड सप्लायर है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, केंद्र सरकार कर्मचारी कल्याण आवास संगठन के साथ किए गए कार्य अनुबंधों के लिए जीएसटी की दर 18% होगी। केंद्र सरकार के कर्मचारी कल्याण आवास संगठन के अनुसार, जीएसटी 12% होगा। केंद्र सरकार के कर्मचारी कल्याण आवास संगठन ने 12% की सीमा तक जीएसटी का भुगतान किया और उसे घटाकर याचिकाकर्ता को भुगतान किया। इससे याचिकाकर्ता को नुकसान हुआ, इसके अलावा जीएसटी के कम भुगतान के आरोप के लिए अतिसंवेदनशील होने के अलावा।
याचिकाकर्ता ने 11.5.2019 को इस सवाल पर एडवांस रूलिंग के लिए आवेदन प्रस्तुत किया कि केंद्र सरकार के कर्मचारी कल्याण आवास संगठन को उसके द्वारा प्रदान की जाने वाली कार्य अनुबंध सेवाओं पर कर की दर क्या होगी। तथापि, अग्रिम निर्णय प्रदान करने में अत्यधिक विलम्ब हुआ।
प्रतिवादी ने याचिकाकर्ता को दिनांक 15.02.2021 को पत्र जारी कर 18% के बजाय 12% जीएसटी के कम भुगतान का आरोप लगाया। इसके बाद याचिकाकर्ता के प्रबंध निदेशक को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 70 के तहत समन जारी किया गया, जिसमें प्रतिवादी के समक्ष 05.01.2022 को पेश होने और प्रतिवादी द्वारा बाद में सम्मन जारी करने का निर्देश दिया गया।
तीन साल के लंबे समय बाद अधिकारियों ने याचिकाकर्ता को 25 अप्रैल, 2022 को नोटिस जारी किया और 27 अप्रैल, 2022 को व्यक्तिगत सुनवाई का समय निर्धारित किया। याचिकाकर्ता के अधिकृत प्रतिनिधि इस तरह की व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित हुए और प्राधिकरण से इस पर निर्णय देने का अनुरोध किया। आदेश दिनांक 3.06.2022 के द्वारा एडवांस रूलिंग के आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया।
तेलंगाना स्टेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग ने उल्लेख किया कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने याचिकाकर्ता की व्यावसायिक गतिविधियों की जांच शुरू की थी और याचिकाकर्ता को 15.12.2021 को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता का मामला सीजीएसटी अधिनियम की धारा 98(2) के पहले प्रावधान के अंतर्गत आता है; प्राधिकरण ने एडवांस रूलिंग के लिए आवेदन को खारिज कर दिया।
उठाया गया मुद्दा यह है कि क्या एडवांस रूलिंग के लिए आवेदन की जांच के बाद दाखिल करने से आवेदक को अग्रिम निर्णय लेने से वंचित कर दिया जाएगा।
अदालत ने माना कि तेलंगाना स्टेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग का याचिकाकर्ता का आवेदन खारिज करना उचित नहीं है।
अदालत ने तेलंगाना स्टेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग को याचिकाकर्ता द्वारा दायर आवेदन पर विचार करने और याचिकाकर्ता को सुनवाई का उचित अवसर देने के बाद सीजीएसटी अधिनियम की धारा 98(4) के तहत उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: मेसर्स. श्रीको प्रोजेक्ट्स प्रा. लिमिटेड बनाम तेलंगाना स्टेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग
साइटेशन: W.P.No.26145/2022
दिनांक: 17.08.2022
याचिकाकर्ता के लिए वकील: डॉ. एस.आर.आर. विश्वनाथ
प्रतिवादी के लिए वकील: एडवोकेट सपना रेड्डी
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