तांडव वेब-सीरीज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अमेज़न प्राइम वीडियो की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित को अग्रिम जमानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अमेज़न प्राइम वीडियो की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित को अंतिम अग्रिम जमानत दी, जो कथित तौर पर वेब सीरीज तांडव (Tandav) में हिंदू देवताओं का अपमान करने के खिलाफ लखनऊ में दर्ज एक प्राथमिकी का सामना कर रही है।
न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की खंडपीठ ने मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार किया और परिणामस्वरूप इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आवेदक को अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए।
अनिवार्य रूप से, पुरोहित अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में अग्रिम जमानत की मांग कर रहा था, जिसमें खिलाफ आईटी अधिनियम, 2008 (संशोधित) की धारा 66 (कंप्यूटर से संबंधित अपराध), 66F (साइबर आतंकवाद के लिए सजा) और 67 (अश्लील सामग्री प्रसारित करना), के अलावा आईपीसी की धारा 153-ए ( विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता पैदा करने ), 295 (धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल का इस्तेमाल), 505 (1) (बी) (सार्वजनिक शरारत), 505 (2) (वर्गों के बीच घृणा को बढ़ावा देने वाले बयान), 469 (प्रतिष्ठा नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, उक्त वेब सीरीज में, कुछ अभिनेताओं ने 'भगवान' को चित्रित करने वाले कुछ दृश्यों को बहुत ही अपमानजनक तरीके से डाला गया है, जिससे जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
आवेदक के वकील का तर्क था कि उसका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है और आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यह भी तर्क दिया गया कि आवेदक के न्याय से भागने की कोई संभावना नहीं है और इसलिए, वह इस न्यायालय से अंतरिम सुरक्षा की हकदार है।
आवेदक के वकील की दलीलों को देखते हुए अदालत ने जमानत दी।
कोर्ट ने आदेश दिया,
"उपरोक्त मामले में शामिल आवेदक की गिरफ्तारी की स्थिति में सक्षम न्यायालय के समक्ष सीआरपीसी की धारा 173(2) के तहत, उसके 50,000 रुपए का व्यक्तिगत बांड भरने और इतनी ही राशि को दो जमानतदार पेश करने की शर्त पर और संबंधित पुलिस थाने के थाना प्रभारी की संतुष्टि के अनुसार अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाए।"
हाल ही में लखनऊ की एक अदालत ने पुरोहित को विदेश यात्रा की अनुमति दी थी। पुरोहित ने अपने माता-पिता से मिलने के लिए विदेश (दुबई) यात्रा करने की अनुमति मांगने के लिए अपने आवेदन के साथ लखनऊ कोर्ट का रुख किया था, दरअसल, आवेदक के माता-पिता अस्वस्थ थे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के पिछले साल के आदेश के मद्देनजर आवेदन दिया गया था जिसमें उसे अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने के लिए कहा गया था।
आवेदक की ओर से एडवोकेट पी. चक्रवर्ती, शिवांशु गोस्वामी व अनुज टंडन के सहयोग से वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप नारायण माथुर उपस्थित हुए।
केस का शीर्षक - अपर्णा पुरोहित बनाम यू.पी. राज्य एंड अन्य
प्रशस्ति पत्र: 2022 लाइव लॉ (एबी) 143
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