सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप, पिछले सप्ताह के प्रमुख ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

Supreme Court Weekly Round Up

Update: 2020-03-02 06:30 GMT

सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह? यह जानने के लिए वीकली राउंड अप के तहत 24 फरवरी 2020 से 28 फरवरी 2020 तक सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

व्यर्थ मामलों पर वकीलों की हड़ताल को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तराखंड में वकीलों द्वारा पाकिस्तान के स्कूल में बम विस्फोट, नेपाल में भूकंप और कुछ वकीलों के परिवार के सदस्यों की मौत जैसे मामलों पर हड़ताल को "अवैध" करार दिया है। जस्टिस एम आर शाह ने शुक्रवार को अपने फैसले के हिस्से को पढ़ते हुए कहा कि उत्तराखंड के तीन जिलों में पिछले 35 वर्षों से अधिक समय से चल रही यह प्रथा अदालत की अवमानना ​​है। इन तीन जिलों में देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर शामिल हैं।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

डीआरटी की डिक्री को चुनौती देने वाले वाद सुनवाई योग्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) द्वारा जारी डिक्री को चुनौती देने की बुनियादी राहत वाले मुकदमे सुनवाई योग्य नहीं होते हैं।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

न्यायिक अधिकारियों की अखंडता उच्च स्तर की हो और एक भी भूल की अनुमति नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिए गए अपने फैसले में न्यायिक अधिकारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के विषय पर कानून की व्याख्या की है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों की अखंडता के संबंध में प्रतिकूल प्रविष्टियों के मामले में ' वॉश ऑफ ' का सिद्धांत लागू नहीं होता है। किसी न्यायिक अधिकारी की अखंडता एक उच्चस्तर पर होनी चाहिए और यहां तक ​​कि एक भी भूल की अनुमति नहीं है, झारखंड के न्यायिक अधिकारी द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा, जो अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किए गए थे।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पुलिस सुधार पर दिशा निर्देशों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पुलिस सुधारों पर प्रकाश सिंह जजमेंट में निर्धारित दिशानिर्देशों को लागू करने की मांग करते हुए एक नई याचिका की तत्काल सुनवाई की मांग की।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पाटीदार आंदोलन हिंसा :कांग्रेसी नेता हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी पर 6 मार्च तक SC ने लगाई अंतरिम रोक, गुजरात सरकार को नोटिस

2015 गुजरात पाटीदार आंदोलन में हिंसा के आरोपी कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च तक गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अंतरिम संरक्षण दिया है। जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने हार्दिक पटेल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पीठ अब मामले की सुनवाई 6 मार्च को करेगी।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मालेगांव ब्लास्ट : पीड़ित के पिता ने मामले का जल्दी ट्रायल पूरा करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी

मालेगांव ब्लास्ट पीड़ित के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मालेगांव ब्लास्ट मामले में तेजी से सुनवाई करने के लिए मामले की सुनवाई कर रहे ट्रायल जज, जो सेवा-निवृत्ति के करीब हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

(सेक्‍शन 340 सीआरपीसी) क्या सेक्शन 195 सीआरपीसी के तहत ‌श‌िकायत दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच अन‌िवार्य है? सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी फैसला

क्या दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के तहत शिकायत किए जाने से पहले दंड प्र‌क्रिया संहिता की धारा 340 संभावित आरोपी को प्रारंभिक जांच और सुनवाई का अवसर प्रदान करती है? सुप्रीम की दो जजों की बेंच, जिसमें जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस मोहन एम शांतनगौदर शामिल हैं, ने ये सवाल बड़ी बेंच के हवाले किया है। बेंच ने प्रारंभिक जांच की व्यापकता और दायरे पर भी सवाल उठाया है।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सुप्रीम कोर्ट ने महबूबा मुफ्ती को लेकर इल्तिजा की हैबियस कॉरपस याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा कानून ( PSA) 1978 के तहत जम्मू और कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पारित किए गए हिरासत आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया है। इस मामले पर जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस एम आर शाह की बेंच ने विचार किया और केंद्र व जम्मू- कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई जिंदगियां चली गईं, दिक्कत पुलिस में स्वतंत्रता और व्यावसायिकता की कमी की है,' SC ने दिल्ली हिंसा पर टिप्पणी की

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 24 फरवरी से हो रहे उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में हुए दंगों पर कुछ महत्वपूर्ण मौखिक टिप्पणियां की।

शाहीन बाग में कोर्ट की निगरानी में सड़क को खुलवाने की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दंगों को लेकर पुलिस की निष्क्रियता की खबरों पर जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने हिंसा के बारे में अपनी चिंताओं को बताया। "दुर्भाग्यपूर्ण चीजें हुई हैं, " न्यायमूर्ति कौल ने टिप्पणी की।

जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा, "पुलिस की निष्क्रियता के बारे में, मैं कुछ बातें कहना चाहता हूं। अगर मैं नहीं करूंगा, तो अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करूंगा। इस संस्था के प्रति, इस देश के प्रति मेरी निष्ठा है। पुलिस की ओर से स्वतंत्रता और व्यावसायिकता की कमी रही है।"

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मुंबई तटीय सड़क परियोजना : सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्ग्रहण कार्य पर रोक लगाने की याचिका पर जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने मंगलवार को कंजर्वेशन एक्शन ट्रस्ट (CAT) और कलेक्टिव फॉर स्पेटियल अल्टरनेटिव्स टुडे की संस्थापक श्वेता वाघ की उस याचिका याचिका पर सुनवाई की जिसमें बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के वर्ली सी-लिंक के वर्ली छोर के बीच तटीय सड़क परियोजना के चल रहे पुनर्ग्रहण कार्य पर रोक लगाने की मांग की गई है।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सुप्रीम कोर्ट में 6 जज स्वाइन फ्लू से पीड़ित, निवारक उपाय करने की तैयारी

सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीश H1N1 वायरस के कारण स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो गए हैं। यह खुलासा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार सुबह अदालत में किया। उन्होंने कहा कि निवारक उपायों को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में काम करने वालों के टीकाकरण का सुझाव दिया है।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

कलकत्ता हाईकोर्ट के RBI को बैंक के खिलाफ कदम उठाने के आदेश के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

बैंक ऑफ बड़ौदा ने सिम्पलेक्स प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से जारी बैंक गारंटी के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने 10 फरवरी के ऑर्डर में आरबीआई से कहा है कि वह बिना शर्त बैंक गारंटी के भुगतान से संबंधित बैंक ऑफ बड़ौदा के आचरण के लिए उसके लाइसेंस को निरस्त करने सहित बैंक के खिलाफ उचित कदम उठाने पर विचार करे।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

प्रवर्तन निदेशालय को पासपोर्ट जब्‍त करने का अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि प्रवर्तन निदेशालय को पासपोर्ट जब्‍त करने अधिकार नहीं है। पासपोर्ट केवल पासपोर्ट अधिकारी ही जब्त कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर विचार कर रहा था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में विशेष जज के फैसले को बरकरार रखा था, जिन्होंने अशोक रामचंदर चुगानी के पासपोर्ट, रेजिडेंट परमिट और पैन कार्ड लौटाने का निर्देश दिया था।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

17 वीं लोकसभा के चुनाव परिणामों में कथित विसंगतियों की जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने EC को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर सुनवाई को स्थगित कर दिया। कोर्ट ने चुनाव आयोग (EC) को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कॉमन कॉज़ ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से मांग की कि 17 वीं लोकसभा के चुनाव परिणामों में हुई कथित विसंगतियों की जांच करने के निर्देश दिए जाएं।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

भोजन का अधिकार : SC ने को भोजन सुनिश्चित करने के लिए शिकायत निवारण तंत्र को लेकर राज्यों को 4 हफ्ते और दिए

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा है कि जिन राज्यों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत भोजन के अधिकार को लेकर जवाब दाखिल नहीं किया है वो अपने जवाब अदालत में दाखिल करें। पीठ इस मामले में चार सप्ताह के बाद सुनवाई करेगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता कोइली देवी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक किया गया है और सरकार ने 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। वास्तव में जो राशन कार्ड रद्द हुए हैं उनमें से 85 फीसदी कार्ड गरीबों के हैं।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

JNU में देशद्रोह का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में गाइडलाइन बनाने की याचिका खारिज की

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट को दिल्ली सरकार द्वारा अनुमति ना दिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। भाजपा नेता नंदकिशोर गर्ग की इस याचिका में प्रभावशाली लोगों से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए दिशा- निर्देश जारी करने का अनुरोध भी किया गया था।

आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Tags:    

Similar News