सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को जीवीके पावर के खिलाफ 2 सप्ताह के लिए कठोर कदम उठाने से रोका
सुप्रीम कोर्ट ने जीवीके पावर (गोइंदवाल साहिब) को पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ बिजली खरीद समझौते को समाप्त करने के फैसले के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से संपर्क करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने हालांकि पंजाब के अधिकारियों को दो सप्ताह के लिए जीवीके पावर के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया।
इन निर्देशों के साथ चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने समझौते की समाप्ति के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत जीवीके पावर की ओर से दायर रिट याचिका का निस्तारण किया। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने तर्क दिया कि यह जानते हुए भी कि मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध है, अधिकारी इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रहे हैं।
सीजेआई ने पंजाब राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पी चिदंबरम से पूछा, "जब कोर्ट मामले पर विचार करने जा रही है, तो क्या दंडात्मक कदम उठाना उचित है? इतनी मनमानी क्यों?" चिदंबरम ने कहा कि याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट के समक्ष वैकल्पिक उपाय का लाभ उठाने के लिए कहा जाना चाहिए।"
केस स्टेटस : जीवीके पावर (गोइंदवाल साहिब) बनाम पंजाब राज्य| डब्ल्यूपी (सी) संख्या 27/2022