महाराष्ट्र में अधीनस्थ न्यायालय द्वारा 1 फरवरी 2021 से "नियमित फिजिकल कामकाज" शुरू किया जाएगा

Update: 2021-01-30 16:59 GMT

महाराष्ट्र और गोवा में अधीनस्थ न्यायालय 1 फरवरी 2021 से नियमित फिजिकल कामकाज शुरू करेगी। कोरोनोवायरस महामारी के कारण फिजिकल कामकाज पर रोक लगा दी गई थी। लगभभ 1 साल बाद फिर से फिजिकल कामकाज शुरू होना जा रहा है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा शुक्रवार को जारी एक नोटिस में कहा गया है कि महाराष्ट्र और गोवा, केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव राज्यों में अधीनस्थ अदालतें नियमित रूप से फिजिकल कामकाज शुरू करेंगी। बता दें, कोर्ट के फिजिकल कामकाज को कोरोना महामारी की वजह से रोकना पड़ा था।

प्रशासनिक न्यायाधीशों की समिति द्वारा लिए गए निर्णय में कहा गया है कि सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना है।

" 01/02/2021 से सभी सुरक्षा / एहतियाती उपायों का पालन करने के लिए निर्देशित किया जाता है। 3) कोरोनोवायरस के प्रसार से बचने के लिए, उच्च न्यायालय और सरकारों द्वारा अनुमोदित निपटान मानदंडों 100% लागू करना है।"

इस नोटिस को संबोधित किया जाता है, 1. सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, 2. ग्रेटर बॉम्बे के सभी प्रधान न्यायाधीश, सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट 3. मुंबई के औद्योगिक न्यायालय के अध्यक्ष 4. महाराष्ट्र स्टेट को-ऑप अपीलीय न्यायालय, मुंबई के अध्यक्ष 5. मुख्य न्यायाधीश, लघु कारा न्यायालय, मुंबई 6. प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय 7. महाराष्ट्र राज्य और गोवा के बॉम्बे हाईकोर्ट और केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के कोर्ट के अधीन सभी प्रतिष्ठान के अध्यक्ष।

प्रारंभ में, मार्च 2020 में लॉकडाउन की घोषणा के बाद अधीनस्थ न्यायालयों को केवल अत्यंत जरूरी मामलों को सुनने की अनुमति दी गई थी। तब बार रूम और कैंटीन को बंद रखने का निर्देश दिया गया था। पिछले वर्ष के दौरान समय-समय पर दिशा-निर्देश संशोधित किया गया था।

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