कोर्ट ने इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में जितेंद्र त्यागी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया

इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में श्रीनगर कोर्ट ने जितेंद्र त्यागी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। इस संबंध में कई नोटिस जारी किए जाने के बावजूद आरोपी के अदालत में पेश न होने पर यह आदेश पारित किया गया।
सीनियर पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। श्रीनगर के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए टीम गठित करने के निर्देश दिए। अदालत ने आगे निर्देश दिया कि 25 अप्रैल को अगली सुनवाई तक उसकी अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। यह निर्देश आरोपी के खिलाफ 2021 में लखनऊ में समाचार संवाददाताओं से बात करते हुए इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए दर्ज की गई शिकायत के संबंध में पारित किए गए।
उपरोक्त टिप्पणी के संबंध में ही श्रीनगर के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, भारतीय दंड संहिता की धारा 153, धारा 295ए और धारा 505 के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज की गई।
2021 में आरोपी ने कुरान की कुछ आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिसके परिणामस्वरूप उसके खिलाफ कई FIR दर्ज की गईं।
आरोपी (पहले वसीम रिजवी नाम से) उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष था। धर्म परिवर्तन के बाद उसने खुद को त्यागी समुदाय से जोड़ लिया और अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहले उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की बिक्री और हस्तांतरण में कथित अनियमितताओं के लिए त्यागी के खिलाफ दो FIR दर्ज की थीं।
केस-टाइटल: दानिश हसन डार बनाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी @वसीम रिज़वी