श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद| कोर्ट अमीन को विवादित स्थल का सर्वेक्षण करने का निर्देश, 20 जनवरी तक देनी होगी रिपोर्ट
श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह विवाद मामले में उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की एक अदालत ने सिविल कोर्ट अमीन को विवादित स्थल का दौरा कर सर्वेक्षण करने और मानचित्रों के साथ 20 जनवरी तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
सिविल जज तृतीय सोनिका वर्मा हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की याचिका पर उक्त निर्देश दिया। शर्मा ने याचिका में शाही ईदगाह परिसर को अपने कब्जे में लेने और वहां बने मौजूदा ढांचे को गिराने की मांग की है। याचिका एडवोकेट शैलेश दुबे के माध्यम से दायर की गई है।
गुप्ता ने याचिका में कहा है कि ईदगाह का निर्माण औरंगजेब ने श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर श्री कृष्ण मंदिर को तोड़कर किया था। वाद में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच वर्ष 1968 में हुए समझौते को अवैध बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि अदालत के समक्ष कई ऐसे मुकदमे दायर किए गए हैं जिनमें 17 वीं शताब्दी की शाही ईदगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मभूमि की संपत्ति पर बनाए जाने का दावा किया गया है। मौजूदा मुकदमा उन्हीं में से एक है।
#JustIN | Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah dispute: Mathura Court orders Court Amin to survey the disputed land and submit a report with maps by January 20. The order has been passed on a suit filed by 'Hindu Sena'.#KrishnaJanmabhoomi #Mathura#MathuraCourt#Survey pic.twitter.com/gEWCHu72yO
— Live Law (@LiveLawIndia) December 24, 2022
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह 2021 के मुकदमे (भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य बनाम यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अन्य) के संबंध में शाही ईदगाह और जहांआरा की मस्जिद की वैज्ञानिक जांच करने के लिए उसके समक्ष दायर एक आवेदन पर शीघ्र निर्णय ले।
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मई 2022 में मथुरा की एक अदालत ने कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि पर कथित रूप से निर्मित शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने का मुकदमा सुनवाई योग्य है। इसके साथ, कोर्ट ने सितंबर 2020 में मुकदमे को खारिज करने के सिविल कोर्ट के आदेश को पलट दिया।
उल्लेखनीय है कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि के बगल में बनी है, जिसे कृष्ण भगवान का जन्मस्थान माना जाता है।