CJI बी.आर. गवई ने जूता फेंकने की घटना पर कहा, “हमारे लिए यह एक भूला हुआ अध्याय”
चीफ़ जस्टिस बी.आर. गवई ने बुधवार को उस घटना पर बात की, जब इस सप्ताह की शुरुआत में एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में उनके ऊपर जूता फेंकने की कोशिश की। CJI ने इसे “भुला हुआ अध्याय” बताया।
CJI ने कहा, “हम दोनों को सोमवार की घटना देखकर बहुत आश्चर्य हुआ… हमारे लिए यह अब एक भुला हुआ अध्याय है।”
साथ ही सीनियर एडवोकेट गोपाल संकरनारायणन ने दशक पहले हुई एक ऐसी ही घटना को याद किया। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले पड़ोसी कोर्ट में भी कुछ ऐसा हुआ था और वहां के जजों ने अवमानना (Contempt) की प्रक्रिया को अलग तरीके से अपनाया था।
जस्टिस उज्जल भूयान ने भी हमले की कड़ी निंदा की और कहा, “यह मजाक की बात नहीं है। CJI के खिलाफ यह हमला संस्था के लिए अपमान है।”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वकील का यह काम “अक्षम्य” था और उसे केवल CJI की “महानता” के कारण छोड़ा गया।
यह घटना सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के कोर्टरूम नंबर 1 में हुई। किशोर ने CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत रोक लिया। बाहर जाते समय किशोर ने कहा, “सनातन का अपमान सहा नहीं जाएगा हिंदुस्तान।”
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने किशोर को निलंबित कर दिया और कहा कि उनका व्यवहार अनुचित था। दिल्ली पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ने आगे की कानूनी कार्रवाई से परहेज किया।
अटॉर्नी जनरल से किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्रवाई शुरू करने की अनुमति मांगी गई है। बैंगलुरु में उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई।
इस घटना की सभी राजनीतिक नेताओं और बार एसोसिएशनों ने निंदा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, एम.के. स्टालिन, पिनाराई विजयन, ममता बनर्जी और कई अन्य नेताओं ने CJI के प्रति समर्थन जताया।