यदि खतरा वास्तविक है तो सुरक्षा प्रदान की जाएगी, लेकिन शादियों, पार्टियों में शामिल न हों: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हिंदू संगठन के नेता से कहा

Update: 2023-07-19 04:25 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को निर्देश दिया कि वह सीनियर भाजपा नेता और हिंदू शक्ति संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करने वाले अरविंद कुमार शर्मा को "कोई वास्तविक खतरे की आशंका" होने इस शर्त पर सुरक्षा देंगे कि ऐसे खतरे की आशंका के दौरान वह शादी या पार्टी जैसे किसी भी सार्वजनिक समारोह में शामिल नहीं होंगे।

शर्मा ने याचिका में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से धमकी भरा पत्र मिलने का दावा किया। जबकि राज्य ने कहा कि शर्मा केवल अपनी प्रोफ़ाइल दिखाने के लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

जस्टिस अनूप चितकारा ने इस पर दिए आदेश में कहा कि यदि उन्हें कोई वास्तविक खतरा महसूस होता है तो वह संबंधित पुलिस सुपरिटेंडेंट से संपर्क कर सकते हैं, जो उन्हें दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुरक्षा प्रदान करेंगे।

कोर्ट ने कहा,

“यह आगे स्पष्ट किया गया कि ऐसी सुरक्षा इस शर्त के अधीन होगी कि याचिकाकर्ता, ऐसे खतरे की धारणा के दौरान, पूरी तरह से सहयोग करेगा और किसी भी सार्वजनिक समारोह, शादी, पार्टियों में शामिल नहीं होगा और अनावश्यक रूप से अपने जीवन को खतरे में डालकर क्षेत्र में नहीं घूमेगा। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त स्थानों पर न जाने के संबंध में आदेश का अनुपालन नहीं किया गया तो सुरक्षा तुरंत वापस ले ली जाएगी।''

यह भी स्पष्ट किया गया,

"आदेश केवल 30 दिनों के लिए लागू रहेगा और यदि खतरे की आशंका अभी भी बनी रहती है तो याचिकाकर्ता के लिए यह खुला होगा कि वह संबंधित पुलिस सुपरिटेंडेंट से अभ्यावेदन दाखिल करके संपर्क कर सकता है और यदि वह अभी भी व्यथित है तो वह वह फिर से इस न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र है।”

याचिका के जवाब में सहायक पुलिस आयुक्त ने पहले प्रस्तुत किया कि मामले पर जांच करते समय याचिकाकर्ता ने ऐसी धमकियों के संबंध में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया। जवाब में यह भी कहा गया कि शर्मा "समाज में अपनी प्रतिष्ठा की खातिर" सुरक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।

अदालत ने आदेश में कहा,

"उत्तर के पैरा 7 में यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया कि याचिकाकर्ता को संबंधित पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर दिए गए हैं और उन्होंने अपने आवास तक पहुंच का प्रबंधन करने के लिए निजी सुरक्षा को काम पर रखा है और केवल उन व्यक्तियों को सुरक्षा द्वारा प्रमाणित किया गया, जिन्हें प्रवेश की अनुमति है। संक्षेप में, राज्य का रुख यह है कि याचिकाकर्ता केवल अपनी प्रोफ़ाइल दिखाने के लिए सुरक्षा की मांग कर रहा है।'

जस्टिस चितकारा ने कहा कि हालांकि शर्मा ने धमकी भरा पत्र संलग्न किया, लेकिन वह केवल उस पर अनिश्चितकालीन सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते और उन्हें अपने जीवन की सुरक्षा के लिए खुद ही उचित कदम उठाने होंगे।

अदालत ने कहा,

"इसके अलावा, राज्य को उक्त पत्र के पीछे पर्याप्त पुष्टि नहीं मिली और इसकी आड़ में याचिकाकर्ता अंतहीन सुरक्षा की मांग नहीं कर सकता।"

केस टाइटल: अरविंद कुमार शर्मा बनाम पंजाब राज्य और अन्य

याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट आदित्य पाल सिंह, राज्य के लिए करुणेश कौशल, एएजी, पंजाब।

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