धारा 41-ए सीआरपीसी नोटिस जारी होने और चार्जशीट दायर होने के बाद लुक आउट सर्कुलर जारी रखने का कोई आधार नहींः तेलंगाना हाईकोर्ट

Update: 2022-10-13 09:55 GMT

तेलंगाना हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा मामले के एक आरोपी के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को वापस लेने का निर्देश देते हुए, हाल के एक फैसले में कहा कि धारा 41-ए सीआरपीसी नोटिस जारी करने और बाद में चार्जशीट दाखिल करने के बाद के बाद एलओसी जारी रखने का कोई आधार नहीं था।

जस्टिस ललिता कन्नेगंती ने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने अदालत द्वारा पूर्व में पारित आदेशों के आधार पर पहले ही एक परिपत्र जारी कर निर्देश दिया है कि जब भी धारा 41-ए सीआरपीसी नोटिस जारी किया जाता है या जब भी आरोपी द्वारा जमानत प्राप्त की जाती है, आयुक्त को संबंधित पुलिस एक पत्र भेजेगी और आयुक्त बदले में एलओसी को बंद करने के लिए आव्रजन अधिकारियों को एक पत्र भेजेंगे।

अदालत ने कहा,

"ऐसा प्रतीत होता है कि हालांकि धारा 41-ए सीआरपीसी के तहत नोटिस एक अप्रैल 2022 को जारी किया गया था और पहले ही आरोप पत्र दायर किया जा चुका है, फिर भी प्रतिवादी पुलिस बिना किसी आधार के एलओसी जारी रखे हुए है।"

आरोपी ने मार्च में पुलिस द्वारा जारी एलओसी को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन पर 30.03.2022 को महिला पुलिस स्टेशन, आईटी कॉरिडोर में धारा 498-ए, 323 और 506 आईपीसी और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल की जा चुकी है।

मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि मामला दर्ज होने के ठीक एक दिन बाद आरोपी के खिलाफ एलओसी जारी कर दी गई थी।

उनके वकील ने अदालत को बताया, "प्रतिवादी पुलिस के पास याचिकाकर्ता तक पहुंचने के प्रयास किए बिना अगले दिन तुरंत एलओसी जारी करने का कोई कारण नहीं था। सीआरपीसी की धारा 41-ए के तहत एक नोटिस भी एक अप्रैल, 2022 को जारी किया गया था।"

अदालत को आगे बताया गया कि आरोपी को चार अप्रैल, 2022 को पेश होने के लिए कहा गया था। उसी का अनुपालन करते हुए वह उपस्थित हुए और जांच में सहयोग किया। वकील राजेंद्र खन्ना ने कहा, "इसके बावजूद, याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी एलओसी अभी भी जारी है।"

याचिका के अनुसार, आरोपी दुबई में एवीएन टेक्नोलॉजीज में कार्यरत है और एलओसी लंबित होने के कारण वह भारत से बाहर यात्रा करने में सक्षम नहीं था। कोर्ट ने समक्ष तर्क ‌दिया गया कि प्रतिवादी पुलिस की कार्रवाई याचिकाकर्ता के जीवन और स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करने वाली मनमानी कार्रवाई है।

रिट याचिका को स्वीकार करते हुए, अदालत ने कहा कि स्टेशन हाउस अधिकारी, महिला पुलिस स्टेशन, आईटी कॉरिडोर, गचीबोवली, आयुक्त को एक पत्र भेजेंगे और पुलिस आयुक्त तब आव्रजन अधिकारियों को एक पत्र को भेजेंगे, जिसमें जारी एलओसी को बंद करने के लिए कहा जाएगा।

टाइटल: गोली साई कोटि वली प्रभु बनाम तेलंगाना राज्य और अन्य


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