सावरकर मानहानि मामले में राहुल गांधी ने खुद को बताया निर्दोष, करेंगे ट्रायल का सामना

Update: 2025-07-12 04:03 GMT

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को लंदन में दक्षिणपंथी नेता विनायक सावरकर के खिलाफ कथित तौर पर 'अपमानजनक' भाषण देने के लिए उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत में खुद को निर्दोष बताया।

स्पेशल जज अमोल शिंदे ने गांधी की याचिका दर्ज की। हालांकि, कांग्रेस सांसद अदालत में पेश नहीं हो सके। इसलिए उन्होंने अपने वकील मिलिंद पवार के माध्यम से आवेदन दायर किया, जिसमें अदालत से उनके वकील के माध्यम से उनकी याचिका दर्ज करने का आग्रह किया गया।

स्पेशल जज ने आवेदन स्वीकार कर लिया और फिर याचिका दर्ज की। इसके बाद स्पेशल जज ने अदालत में संबंधित भाषण पढ़ा और बताया कि शिकायत और रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री के अनुसार, गांधी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 (मानहानि) के तहत मुकदमे का सामना करना होगा।

स्पेशल जज द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह खुद को निर्दोष मानेंगे, गांधी की ओर से पवार ने कहा,

"नहीं, मैं खुद को निर्दोष नहीं मानता।"

अदालत द्वारा याचिका दर्ज करने के बाद अब गांधी को इस मामले में मुकदमे का सामना करना होगा।

संक्षेप में मामला

मानहानि की शिकायत में दावा किया गया कि गांधी ने वर्षों से विभिन्न अवसरों पर सावरकर को बार-बार बदनाम किया। एक विशिष्ट घटना 5 मार्च, 2023 की है, जब गांधी ने यूनाइटेड किंगडम में ओवरसीज कांग्रेस को संबोधित किया था।

शिकायतकर्ता - सत्यकी सावरकर ने दावा किया है कि गांधी ने सावरकर के खिलाफ जानबूझकर बेबुनियाद आरोप लगाए, जबकि वे जानते थे कि ये आरोप झूठे हैं। उनका उद्देश्य सावरकर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और शिकायतकर्ता और उनके परिवार को मानसिक पीड़ा पहुंचाना था। शिकायत में कहा गया कि अपमानजनक भाषण इंग्लैंड में दिया गया, लेकिन इसका असर पुणे में महसूस किया गया, क्योंकि यह पूरे भारत में प्रकाशित और प्रसारित हुआ।

सत्यकी ने अपनी शिकायत में सबूत के तौर पर कई मीडिया रिपोर्ट और लंदन में गांधी के भाषण के वीडियो का यूट्यूब लिंक प्रस्तुत किया। उन्होंने दावा किया कि गांधी ने सावरकर पर एक किताब लिखने का झूठा आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने और उनके दोस्तों ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया और इससे उन्हें कुछ आनंद मिला। शिकायत में कहा गया कि सावरकर ने इस तथ्य को कभी किसी पुस्तक में नहीं लिखा और ऐसी कोई घटना कभी घटित नहीं हुई।

सत्यकी ने तर्क दिया कि गांधी ने सावरकर को बदनाम करने और उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के विशिष्ट उद्देश्य से ये झूठे, दुर्भावनापूर्ण और बेबुनियाद आरोप लगाए।

सत्यकी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि याचिका में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 (मानहानि के लिए दंड) के तहत गांधी के लिए अधिकतम सजा और CrPC की धारा 357 (मुआवजा देने का आदेश) के अनुसार अधिकतम मुआवजा देने की मांग की गई।

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