पूर्व AAP MLA द्वारा दायर मानहानि मामले में पंजाब सीएम को व्यक्तिगत पेशी से मिली अंतरिम छूट
हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने पूर्व AAP MLA नज़र सिंह मानशाहिया द्वारा दायर मानहानि के मामले में मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें तलब किए जाने के आदेश को चुनौती दी है।
2019 में दायर इस मामले में आरोप लगाया गया कि मान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मानशाहिया के खिलाफ मानहानिकारक बयान दिया था। मान ने कथित तौर पर कहा था कि मानशाहिया 10 करोड़ रुपये में और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद के आश्वासन पर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे।
2022 में मान जमानत के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए थे और उन्हें जमानत मिल गई थी।
जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने राज्य और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए मान को निचली अदालत में पेशी से अंतरिम राहत प्रदान की और उन्हें आगे की छूट के लिए एक आवेदन दायर करने को कहा।
पंजाब की मानसा अदालत के अतिरिक्त मुख्य मजिस्ट्रेट ने 2 अगस्त को मान को आगे की सुनवाई से छूट देने से इनकार किया और कहा था,
"अगर आरोपी (मुख्यमंत्री भगवंत मान और अन्य) अगली सुनवाई की तारीख पर अदालत में पेश नहीं हुए, तो उनकी ज़मानत रद्द कर दी जाएगी।"
मान का आरोप है कि शिकायत पूरी तरह से अखबारों की खबरों पर आधारित है। इस तथ्य के बावजूद कि शिकायतकर्ता ने अपने दावों के समर्थन में किसी भी आम आदमी से पूछताछ नहीं की है, केवल शिकायतकर्ता की प्रारंभिक गवाही के आधार पर मान को समन आदेश के तहत मुकदमे का सामना करने के लिए बुलाया गया है।
मामले को आगे विचार के लिए 18 अगस्त तक के लिए स्थगित किया जाता है।
Title: Bhagwant Mann v. State Of Punjab