"जेल अधिकारियों द्वारा कैदियों के आवेदन 48 घंटों के भीतर हाईकोर्ट को अग्रेषित किया जाना चाहिए": गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य आईजीपी को निर्देश दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस महानिरीक्षक (कारागार) निर्देश दिया है कि वे राज्य के सभी जेल अधिकारियों को निर्देश जारी करें कि जेलों के माध्यम से भेजे गए बंदियों/दोषियों के आवेदनों को 48 घंटे के भीतर हाईकोर्ट को अग्रेषित किया जाए। हाईकोर्ट ने नोट किया कि उन्हें रोकना, ऐसे कैदियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
जस्टिस समीर जे दवे की पीठ ने अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि जेल प्राधिकरण से प्राप्त ऐसे सभी आवेदनों को प्राप्त होने के 48 घंटों के भीतर बोर्ड पर सूचीबद्ध किया जाए। कोर्ट ने आगे कहा कि यदि नियमित बोर्ड में मामले को अधिसूचित करना संभव नहीं है, तो इसे प्रति कोर्ट बोर्ड या विशेष बोर्ड/अलग बोर्ड में अधिसूचित किया जाए।
कोर्ट ने आदेश में कहा,
"जेल प्राधिकरण से यह अपेक्षा की जाती है कि जब भी किसी कैदी/दोषी से जेल के माध्यम से कोई आवेदन प्राप्त होता है, तो उसे आवश्यक टिप्पणियों के साथ हाईकोर्ट को अधिमानतः 48 घंटों की अवधि के भीतर अग्रेषित किया जाए। हाईकोर्ट रजिस्ट्री से यह भी अपेक्षित है कि जेल प्राधिकरण से प्राप्त सभी आवेदनों को इसकी प्राप्ति के समय से 48 घंटों के भीतर बोर्ड पर सूचीबद्ध किया जाए और यदि नियमित बोर्ड में मामले को अधिसूचित करना संभव नहीं है, तो उसे प्रति कोर्ट बोर्ड या विशेष बोर्ड / अलग बोर्ड में अधिसूचित किया जाए।"
कोर्ट ने यह निर्देश जावेद नामक एक आरोपी के मामले को निस्तारित करते हुए जारी किया। आवेदनकर्ता POCSO अपराधी है, जिसने जेल के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। उसने निर्णय और सजा के आदेश को निलंबित करके उसे जमानत पर रिहा करने की प्रार्थना की थी।
अदालत ने कहा कि दोषी ने 29 सितंबर, 2022 को अहमदाबाद सेंट्रल जेल, साबरमती के समक्ष आवेदन जमा किया था, हालांकि जेल प्राधिकरण द्वारा जेल की टिप्पणी 6 अक्टूबर, 2022 को तैयार की गई थी, और उसके बाद, जेल अधीक्षक कार्यालय को भेज दी गई थी और आवेदन को 7 अक्टूबर, 2022 को हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को भेजा गया था।
11 अक्टूबर, 2022 को जेल प्राधिकरण से आवेदन प्राप्त होने पर, रजिस्ट्रार (न्यायिक) ने आवश्यक कार्रवाई की और उसे संबंधित विभाग को अग्रेषित किया, हालांकि, आवेदन के पंजीकरण और नंबरिंग के बाद, आवेदन 17 अक्टूबर 2022 को परिचालित किया जा सका।
इस प्रकार, यह देखते हुए कि जेल प्राधिकरण की ओर से और इस न्यायालय की रजिस्ट्री की ओर से दोषी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर कार्रवाई करने में देरी हुई थी, न्यायालय ने जेल अधिकारियों और रजिस्ट्री को संबंधित निर्देश जारी किए।
जहां तक जमानत की मांग करने वाले आवेदन का संबंध है, इस न्यायालय ने मामले में कोई गुण नहीं पाया, और इसलिए, आवेदन को खारिज कर दिया गया।
केस टाइटल- जावेद उर्फ ठकेली उर्फ चोर अजीजखान पठान बनाम जेल अधीक्षक