POCSO Case | गुरुग्राम कोर्ट ने न्यूज़ एंकर चित्रा त्रिपाठी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
गुरुग्राम कोर्ट ने टीवी न्यूज़ एंकर और जर्नालिस्ट चित्रा त्रिपाठी (ABP News) द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज की। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में POCSO केस के संबंध में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
गिरफ्तारी वारंट तब जारी किए गए जब कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी और कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट के लिए उनका आवेदन खारिज कर दिया।
त्रिपाठी ने छूट इसलिए मांगी, क्योंकि वह महाराष्ट्र चुनाव को कवर करने और राज्य के उपमुख्यमंत्री का इंटरव्यू करने के लिए महाराष्ट्र के नासिक जा रही थीं। हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी, यह देखते हुए कि वह कोर्ट की प्रक्रिया को काफी हल्के में ले रही हैं।
अब अपनी अग्रिम जमानत याचिका में त्रिपाठी के वकील ने छूट आवेदन में प्रस्तुत किए गए आधारों के समान आधार उठाए हैं। उनके वकील ने तर्क दिया कि वह कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हो सकतीं, क्योंकि त्रिपाठी ABP न्यूज़ चैनल की उपाध्यक्ष हैं और इंटरव्यू लेने के लिए महाराष्ट्र गई थीं। इसलिए उनके वकील ने अनुरोध किया कि उन्हें अग्रिम जमानत दी जाए।
उनके तर्क का समर्थन करने के लिए उनके वकील ने त्रिपाठी की महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजीत पवार के साथ तस्वीरें प्रस्तुत कीं, जो उस समय ली गई थीं जब वह एक हवाई जहाज में पवार का इंटरव्यू कर रही थीं। इसके अतिरिक्त, यात्रा के टिकट भी अग्रिम जमानत याचिका के साथ दायर किए गए।
दूसरी ओर, विशेष लोक अभियोजक ने इस आधार पर उनकी याचिका का कड़ा विरोध किया कि यदि त्रिपाठी को उच्च पदस्थ राजनेताओं के साथ इंटरव्यू के लिए महाराष्ट्र जाना था तो वह अदालत में पेश होने के बाद छूट का अनुरोध कर सकती थीं, क्योंकि इंटरव्यू का कार्यक्रम पहले से तय था।
यह भी तर्क दिया गया कि त्रिपाठी ने अदालत की प्रक्रिया की अवहेलना की। इसलिए वह अपने आवेदन में मांगी गई राहत की हकदार नहीं हैं।
दोनों पक्षकारों के वकीलों को सुनने के बाद एडिशनल जिला और सेशन जज अश्विनी कुमार मेहता ने कहा कि उनकी याचिका मुख्य रूप से खारिज करने योग्य थी, क्योंकि उन्होंने इसे आवेदक के पहले छूट आवेदन के समान आधार पर आधारित किया।
न्यायालय ने कहा कि चूंकि उसकी छूट का अनुरोध पहले ही खारिज हो चुका है, इसलिए अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज किए जाने योग्य है।
इसके अलावा, न्यायालय ने यह भी देखा कि इस न्यायालय के समक्ष उसकी अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि उसी न्यायालय ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
न्यायालय ने कहा कि त्रिपाठी इस न्यायालय के समक्ष केवल आत्मसमर्पण-सह-जमानत आवेदन ही प्रस्तुत कर सकती है, या वह अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। इसे देखते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
बता दें कि त्रिपाठी पर एक दस वर्षीय लड़की और उसके परिवार के 'मॉर्फ्ड, संपादित और अश्लील' वीडियो प्रसारित करने और इसे स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ने का आरोप है। उन पर धारा 120 बी, 469 और 471 आईपीसी; धारा 67 बी और 67 IT Act के तहत आरोप लगाए गए; और POCSO Act की धारा 23 और धारा 13सी।