बॉम्बे हाईकोर्ट में अदालत में अंडरटेकिंग का उल्लंघन कर ट्वीट करने पर कंगना रनौत के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की याचिका
बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में अदालत में दी गई अंडरटेकिंग का उल्लंघन कर कथित तौर पर एक वीडियो ट्वीट करने पर अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का प्रयास किया गया है।
कास्टिंग डायरेक्टर और मूल शिकायतकर्ता- मुन्नवरवाली सैय्यद ने ये याचिका उसी कार्यवाही में दायर की है, जिसमें कंगना और उनकी बहन रंगोली ने अपने खिलाफ दर्ज राजद्रोह की प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है।
सैय्यद का दावा है कि पिछली सुनवाई के दौरान, 24 नवंबर को, जब कंगना को उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम राहत दी गई थी, तो उन्होंने अपने वकील रिज़वान सिद्दीकी के माध्यम से, 8 जनवरी, 2021 को जांच के लिए बांद्रा पुलिस के सामने पेश होने की अंडरटेकिंग दी थी और वायदा किया था कि आगे भी जहां तक विषय एफआईआर का सवाल है, वह सोशल मीडिया / इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी।
हालांकि, स्थानीय पुलिस के सामने आने के दौरान, रंगना ने एक वीडियो संदेश के साथ ट्वीट किया। ट्वीट की शुरुआत "मैं मानसिक, भावनात्मक और अब शारीरिक रूप से प्रताड़ित क्यों हो रही हूं? ..." वीडियो में कंगना अपनी कठिनाइयों के बारे में शिकायत करते हुए मध्यकालीन युग में महिलाओं की स्थिति के बारे में बताती हैं।
शिकायत में कहा गया है कि कंगना का ट्वीट,
"उच्च न्यायालय की गरिमा, महिमा और आदेश की अवहेलना है जो कि अदालत के अवमानना अधिनियम (1971) की धारा 2 (बी) और ( सी) के दायरे में आती है।"
ट्वीट अदालत के आदेशों के प्रति उनके कठोर और अवज्ञाकारी रवैये का चित्रण है।
सैय्यद ने याचिका में दावा किया है,
"पुलिस स्टेशन जाने के वीडियो को ट्वीट करने का एकमात्र और पूर्ण मकसद पुलिस स्टेशन की यात्रा के दौरान समर्थन इकट्ठा करना है।"
सैय्यद ने सबसे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट से दावा किया था कि बहनें अपने ट्वीट के माध्यम से "हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही हैं," जिसके बाद दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
कंगना और उनकी बहन रंगोली ने नवंबर में बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और "बिल्कुल अस्पष्ट और आधारहीन" एफआईआर को खत्म करने की मांग की।
सैय्यद की याचिका पर अब 25 जनवरी को सुनवाई होने की संभावना है।