पटना हाईकोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को बिहार क्रिकेट संघ के चुनाव में कथित अवैधता की जांच 45 दिनों के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया
पटना हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी, पटना को निर्देश दिया है कि बिहार क्रिकेट संघ के चुनावों में धांधली के आरोपों की जांच 45 दिनों के भीतर पूरी कर लें।
अदालत बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के शासी निकाय के चुनावों में की गई अवैधताओं से संबंधित महानिरीक्षक, मद्यनिषेध, आबकारी और पंजीकरण, बिहार सरकार द्वारा निर्देशित जांच को समाप्त करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट, पटना को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि चुनाव के परिणाम के संबंध में याचिकाकर्ता या किसी पीड़ित व्यक्ति के पास एकमात्र उपाय सक्षम क्षेत्राधिकार के संबंधित ट्रायल कोर्ट के समक्ष चुनाव याचिका दायर करना है।
दलील का खंडन करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने बिहार सोसायटी पंजीकरण नियम, 2018 के नियम 18 पर भरोसा किया और तर्क दिया कि यह अनिवार्य है कि सोसायटी की वैध मैनिजिंब बॉडी होने के लिए दो प्रतिद्वंद्वि शासी और/या कार्यकारी निकायों के अस्तित्व से पैदा हुए किसी भी विवाद की स्थिति में, आईजी जिला मजिस्ट्रेट से खुद से पूछताछ करने के लिए कह सकते हैं, या अपने अधीनस्थ अधिकारियों में से एक के जरिए पूछताछ करने के लिए कह सकते हैं और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कह सकते हैं..
उन्होंने आगे कहा कि आईजी, रजिस्ट्रेशन ने पटना के जिलाधिकारी को पहले ही जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। उन्होंने प्रस्तुत किया कि वे सभी प्रार्थना कर रहे थे कि उक्त जांच को समाप्त करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को एक निर्देश दिया जाए।
याचिका का निस्तारण करते हुए जस्टिस सत्यव्रत वर्मा की खंडपीठ ने पटना के जिलाधिकारी को महानिरीक्षक, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं पंजीयन, बिहार सरकार के निर्देशानुसार दिनांक से पैंतालीस दिनों की अवधि के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: ओम प्रकाश तिवारी बनाम बीसीसीआई व अन्य। सिविल रिट क्षेत्राधिकार केस नंबर 1020/2023
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