पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से विभिन्न राज्य आयोगों में सदस्यों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदमों पर जवाब दाखिल करने को कहा
पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य को तीन सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है जिसमें बिहार में राज्य अनुसूचित जाति आयोग, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, महादलित आयोग और राज्य महिला आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा गया है।
चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सारथी की डिवीजन बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता और अनुसूचित जाति वर्ग के सदस्य राजीव कुमार की तरफ से दायर याचिका पर ये आदेश पारित किया। याचिका में इन आयोगों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए शीघ्र नियुक्तियों की मांग की गई है।
याचिका के अनुसार, बिहार में राज्य अनुसूचित जाति आयोग मई 2016 से बिना किसी सदस्य या अध्यक्ष के काम कर रहा है।
याचिका के अनुसार, इसी तरह, राज्य महिला आयोग नवंबर 2020 से बिना किसी सदस्य या अध्यक्ष के काम कर रहा है और राज्य महादलित आयोग 2017 से एक संयुक्त सचिव के साथ लेकिन बिना किसी सदस्य या अध्यक्ष के काम कर रहा है।
याचिका के अनुसार, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग भी 2018 से सदस्यों और उपाध्यक्ष के बिना है।
ये मामला अब 04 अगस्त को लिस्ट है।
केस टाइटल: राजीव कुमार बनाम बिहार राज्य एवं अन्य। सिविल रिट क्षेत्राधिकार मामला संख्या 5965 ऑफ 2023
उपस्थिति:
याचिकाकर्ताओं के लिए: एडवोकेट विकाश कुमार पंकज, अधिवक्ता
प्रतिवादी/प्रतिवादियों के लिए: पी.के. शाही, एजी अमित कुमार, एसी टू एजी
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