पद्म पुरस्कार विजेता 'मिसलीडिंग' गुटखा विज्ञापनों में | 'पान मसाला कंपनियों को नोटिस जारी': यूओआई ने अवमानना मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया

Update: 2023-10-14 04:52 GMT

केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सरोगेट एड के लिए विमल पान मसाला, कमला पसंद और पान बहार सहित पान मसाला कंपनियों को नोटिस जारी किया है।

जस्टिस राजेश सिंह चौहान की पीठ के समक्ष यह दलील जनहित याचिका में हाईकोर्ट के सितंबर 2022 के आदेश का अनुपालन न करने पर दायर अवमानना याचिका के जवाब में दी गई, जिसमें केंद्र सरकार के अधिकारियों को 'मिसलीडिंग' गुटखा विज्ञापन में पद्म पुरस्कार विजेता कुछ लोगों की भागीदारी के संबंध में उठाई गई शिकायत पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया था।

संदर्भ के लिए हाईकोर्ट का सितंबर 2022 का आदेश याचिकाकर्ता-व्यक्ति मोती लाल यादव (अधिवक्ता) द्वारा दायर जनहित याचिका में पारित किया गया, जिसमें निजी उत्तरदाताओं (सहित) के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए भारतीय केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को निर्देश देने की प्रार्थना की गई। पान मसाला कंपनियों और बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन) पर अधिनियम, 2019 की धारा 21 (2) में निहित प्रावधानों के अनुसार जुर्माना लगाया जाएगा।

अवमानना याचिका में याचिकाकर्ता द्वारा यह आरोप लगाया गया कि हालांकि, उन्होंने एचसी के निर्देश के अनुपालन में 15 अक्टूबर, 2022 को भारत सरकार के कैबिनेट सचिव से संपर्क किया, लेकिन केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने उनके प्रतिनिधित्व पर निर्णय नहीं लिया।

इस साल अगस्त में हाईकोर्ट ने इस मामले में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और सचिव, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) निधि खरे को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था।

सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट और भारत के सब-सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व का 15 सितंबर, 2023 को निपटारा कर दिया गया और पान मसाला कंपनियों को भी नोटिस जारी किया गया। इसके साथ ही न्यायालय के सितंबर 2022 का अनुपालन किया गया।

सब-एसजीआई ने यह भी कहा कि भारत सरकार के कैबिनेट सचिव (राजीव गौबा) को अवमानना याचिका में प्रतिवादी/अवमाननाकर्ता के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता है।

हालांकि, याचिकाकर्ता (यादव) ने विरोधी पक्ष संख्या 1 (गौबा) को प्रतिवादियों की सूची से हटाने पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पर्याप्त अनुपालन नहीं किया गया।

यादव ने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारियों ने अदालत को यह सूचित नहीं किया कि उन व्यक्तियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, जिन्होंने 'पद्म भूषण' और 'पद्म श्री' पुरस्कार देने के लिए जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया।

उन्होंने आगे तर्क दिया कि भले ही कुछ पान मसाला कंपनियों को नोटिस जारी किया गया हो, लेकिन इससे रिट अदालत की चिंता के संदर्भ में उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

इस पृष्ठभूमि में अदालत ने उन्हें केंद्र सरकार द्वारा दायर अनुपालन के हलफनामे पर जवाब/आपत्ति दाखिल करने की अनुमति दी और मामले को शीर्ष दस मामलों में 29 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।

केस टाइटल- मोती लाल यादव बनाम राजीव गौबा, कैबिनेट सचिव। केंद्रीय सचिवालय. सरकार. भारत की, नई दिल्ली और अन्य [अवमानना ​​आवेदन (सिविल) नंबर- 2833/2023]

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