विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में ई-एफआईआर दर्ज करने की संभावना तलाशें: उड़ीसा हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया
उड़ीसा हाईकोर्ट ने सोमवार को पुलिस डायरेक्टर जनरल, ओडिशा (डीजीपी) को राज्य में 'ई-प्रथम सूचना रिपोर्ट (ई-एफआईआर)' के रजिस्ट्रेशन की संभावना तलाशने का निर्देश दिया।
जस्टिस संजीब कुमार पाणिग्रही की एकल न्यायाधीश पीठ उस महिला द्वारा दायर आपराधिक विविध याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अपनी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज न करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
राज्य के लिए अतिरिक्त सरकारी वकील शैलजा नंदन दास ने प्रस्तुत किया कि इस बीच उक्त शिकायत को एफआईआर के रूप में दर्ज कर लिया गया। इसलिए अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता की शिकायत का निवारण किया गया।
हालांकि, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बढ़ते मामलों और त्वरित एफआईआर दर्ज करने में संस्थागत सुस्ती के संबंध में न्यायालय ने निर्देश दिया:
"पुलिस डायरेक्टर जनरल, ओडिशा को राज्य में ई-एफआईआर के रजिस्ट्रेशन की संभावना का पता लगाने का निर्देश दिया गया। विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में ई-एफआईआर का रजिस्ट्रेशन महिलाओं के खिलाफ अपराधों का मुकाबला करने और बेहतर महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने में लंबा रास्ता तय करेगा। उन्हें राज्य में ई-एफआईआर के रजिस्ट्रेशन की प्रणाली होने की संभावना के संबंध में पंद्रह दिनों के भीतर इस न्यायालय के समक्ष जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया जाता है।"
डीजीपी को भी पंद्रह दिनों के भीतर उपरोक्त प्रस्ताव पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया।
मामला की अगली सुनवाई 5 जनवरी, 2023 को होगी।
केस टाइटल: जेपी बनाम ओडिशा राज्य व अन्य।
केस नंबर: सीआरएलएमपी नंबर 2302/2022
आदेश दिनांक: 5 दिसंबर, 2022
कोरम : जस्टिस डॉ. एस.के. पाणिग्रही
याचिकाकर्ता के वकील: ए.के. महापात्रा
उत्तरदाताओं के वकील: एस.एन. दास, अतिरिक्त सरकारी वकील
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