उड़ीसा हाईकोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर निर्णयों और आदेशों की 'डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित' कॉपी अपलोड करना शुरू किया

Update: 2023-05-23 05:43 GMT

Orissa High Court

उड़ीसा हाईकोर्ट ने भाग-V के तहत अध्याय XXI-A को सम्मिलित करने के लिए उड़ीसा हाईकोर्ट, 1948 के नियमों में संशोधन किया, जिससे डिजिटल रूप से हस्ताक्षर की गई कॉपी का सिस्टम लगा गया है।

इस अध्याय के तहत नियम आदेश/निर्णय की सॉफ्ट कॉपी पर अपने डिजिटल हस्ताक्षर संलग्न करने के लिए आदेश या निर्णय तैयार करने वाले सचिवीय कर्मचारियों को अनिवार्य करते हैं। संबंधित कर्मचारियों को आदेश/निर्णय की डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित कॉपी को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उसी दिन या न्यायाधीश द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के ठीक अगले दिन अपलोड करना आवश्यक है।

इसके अतिरिक्त, हाईकोर्ट में दायर मुकदमे की याचिका या अन्य दस्तावेज की कॉपी के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने पर नकल अनुभाग के अधीक्षक या इस संबंध में अधिकृत किसी अन्य कर्मचारी को अब आवश्यक दस्तावेज की स्कैन कॉपी पर अपने डिजिटल हस्ताक्षर संलग्न करने की आवश्यकता है। इसके बाद कॉपी आवेदक को ऑनलाइन भेजी जाएगी।

नया पेश किया गया नियम यह भी स्पष्ट करता है कि किसी आदेश या निर्णय या दलील या किसी अन्य दस्तावेज़ की डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित कॉपी को ऑनलाइन वितरित किया जाएगा, जिसे उसकी प्रमाणित कॉपी माना जाएगा और उस पर कार्रवाई की जाएगी, जो हाईकोर्ट की वेबसाइट पर सत्यापन के अधीन है।

समय-समय पर नियम के तहत जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार डिजिटल हस्ताक्षर लगाने और आदेशों/निर्णयों/अन्य दस्तावेजों को अपलोड करने की प्रक्रिया तय की जाएगी।

सिस्टम के शुरू होने की घोषणा करते हुए हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने कहा,

“जबकि आरआरडीसी में विरासती रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ किया जा रहा है, लंबित रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है। हर नया मामला, यदि फिजिकल रूप से दायर किया जाता है तो उसे तुरंत डिजिटाइज़ किया जा रहा है। साथ ही वकीलों और उनके क्लर्कों को व्यावहारिक ट्रेनिंग देकर ई-फाइलिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसने यह भी बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया, जिसमें वकील या वादी आदेश, निर्णय, दलीलों और दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियों के लिए आवेदन कर सकते हैं और बिना फिजिकल रूप से हाईकोर्ट आए और इसके लिए कोई कीमत चुकाए ऑनलाइन कॉपी प्राप्त कर सकते हैं।

रजिस्ट्री के प्रेस बयान में जोड़ा गया,

“1 मई, 2023 से हाईकोर्ट के सभी आदेश और निर्णय अब वेबसाइट पर डिजिटल हस्ताक्षर के साथ उपलब्ध हैं, जो उनकी प्रामाणिकता का प्रमाण है। डिजिटल हस्ताक्षर हस्तलिखित हस्ताक्षर का डिजिटल समकक्ष है और इसमें हस्ताक्षरकर्ता के पदनाम के साथ हस्ताक्षर की तारीख और सही समय होता है।“

वकील, वादी और अधिकारी जिनके समक्ष कॉपी प्रस्तुत की जाती हैं, वेबसाइट से दस्तावेज़ की प्रामाणिकता को सत्यापित कर सकते हैं। यह भी बताया गया कि सत्यापन की प्रक्रिया के बारे में संक्षिप्त शिक्षाप्रद वीडियो जल्द ही हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।

यह नया सिस्टम फिजिकल कॉपियों के वितरण की मौजूदा सिस्टम के अतिरिक्त है। जबकि ऑनलाइन आवेदन अब निजी पार्टियों के लिए वैकल्पिक है, इसे संशोधित नियमों में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

नोटिफिकेशन पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




Tags:    

Similar News